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शिवसेना को 2018-19 में मिला 130 करोड़ रुपये का चंदा

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। शिवसेना को वर्ष 2018-19 में कुल 130.63 करोड़ रुपये का चंदा मिला है। इसमें कॉरपोरेट डोनर के मुकाबले शिवसेना को सबसे ज्यादा इलेक्टोरेल बॉन्ड के जरिए चंदा मिला है। चुनाव आयोग को सौंपी गई चंदे की रिपोर्ट के मुताबिक वित्तीय वर्ष 2018-19 में शिवसेना को अधिकतर मुंबई की 39 कॉरपोरेट कंपनियों की ओर से 37, 67,93,601 रुपये का चंदा मिला है। इसमें पार्टी को मुंबई की प्रोग्रेसिव इलेक्टोरल ट्रस्ट से सबसे ज्यादा 22.75 करोड़ रुपये का चंदा मिला है। इसके बाद सोलापुर के भैरोनाथ शुगर वर्क्स लिमिटेड से 5 करोड़ रुपये का डोनेशन मिला है। वहीं सरोम फैब प्राइवेट लि. कंपनी की तरफ से 1 करोड़ रुपये का चंदा दिया गया है।
पार्टी को कॉरपोरेट चंदे के मुकाबले सबसे ज्यादा इलेक्टोरेल बॉन्ड के जरिए 60,40,20,000 करोड़ रुपये की डोनेशन मिली है। जबकि व्यक्तिगत रुप से तथा अन्य बैंक यूनियनों और अन्य संस्थाओं की तरफ से 32,55,16,204 करोड़ रुपये का चंदा मिला है। व्यक्तिगत चंदा देकने वालों में पार्टी पदाधिकारियों के अलावा क्रिकेटर अंजिक्य रहाणे का भी नाम शामिल है जिसने शिवसेना को 10 लाख रुपये का चंदा दिया है। ऐसे कुल मिलाकर वित्तीय वर्ष 2018-19 में शिवसेना को 130,63,29,805 रुपये का चंदा मिला है।
चंदा लेने से जुडे नियमों के तहत राजनीतिक दलों को 20,000 रुपये से ज्यादा चंदा देने वाले दानकर्ताओं के नाम सार्वजनिक करने होते है। शिवसेना ने चुनाव आयोग को सौंपी रिपोर्ट में हालांकि कॉरपोरेट डोनर का नाम दिया है, लेकिन इलेटोरल बॉन्ड के जरिए मिले चंदे के बारे में कोई जानकारी नही दी है।
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Real Estate: खरीदना चाहते हैं अपने सपनों का घर तो रखे इन बातों का ध्यान, भास्कर प्रॉपर्टी करेगा मदद

डिजिटल डेस्क, जबलपुर। किसी के लिए भी प्रॉपर्टी खरीदना जीवन के महत्वपूर्ण कामों में से एक होता है। आप सारी जमा पूंजी और कर्ज लेकर अपने सपनों के घर को खरीदते हैं। इसलिए यह जरूरी है कि इसमें इतनी ही सावधानी बरती जाय जिससे कि आपकी मेहनत की कमाई को कोई चट ना कर सके। प्रॉपर्टी की कोई भी डील करने से पहले पूरा रिसर्च वर्क होना चाहिए। हर कागजात को सावधानी से चेक करने के बाद ही डील पर आगे बढ़ना चाहिए। हालांकि कई बार हमें मालूम नहीं होता कि सही और सटीक जानकारी कहा से मिलेगी। इसमें bhaskarproperty.com आपकी मदद कर सकता है।
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ध्यान रखें की प्रॉपर्टी RERA अप्रूव्ड हो
कोई भी प्रॉपर्टी खरीदने से पहले इस बात का ध्यान रखे कि वो भारतीय रियल एस्टेट इंडस्ट्री के रेगुलेटर RERA से अप्रूव्ड हो। रियल एस्टेट रेगुलेशन एंड डेवेलपमेंट एक्ट, 2016 (RERA) को भारतीय संसद ने पास किया था। RERA का मकसद प्रॉपर्टी खरीदारों के हितों की रक्षा करना और रियल एस्टेट सेक्टर में निवेश को बढ़ावा देना है। राज्य सभा ने RERA को 10 मार्च और लोकसभा ने 15 मार्च, 2016 को किया था। 1 मई, 2016 को यह लागू हो गया। 92 में से 59 सेक्शंस 1 मई, 2016 और बाकी 1 मई, 2017 को अस्तित्व में आए। 6 महीने के भीतर केंद्र व राज्य सरकारों को अपने नियमों को केंद्रीय कानून के तहत नोटिफाई करना था।