बढ़े हुए बिजली बिलों पर बैक फुट पर राज्य सरकार, शिवसेना ने दिए राहत देने के संकेत 

Shiv Sena give signs to provide relief on increased electricity bills
बढ़े हुए बिजली बिलों पर बैक फुट पर राज्य सरकार, शिवसेना ने दिए राहत देने के संकेत 
बढ़े हुए बिजली बिलों पर बैक फुट पर राज्य सरकार, शिवसेना ने दिए राहत देने के संकेत 

डिजिटल डेस्क, मुंबई। लॉकडाउन के दौरान बिजली उपभोक्ताओं के बढ़े हुए बिलों में राहत देने से इनकार करने के बाद विपक्षी दल भाजपा के हमले और आम लोगों की भारी नाराजगी के बाद प्रदेश सरकार बैक फुट आ गई है। शिवसेना के विधायक सुनील प्रभु ने बढ़े हुए बिजली बिलों को लेकर ग्राहकों को राहत देने के संकेत दिए हैं। बुधवार को प्रभु ने कहा कि बढ़े हुए बिजली बिलों में उपभोक्ताओं को राहत देने के लिए मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे और उपमुख्यमंत्री अजित पवार जल्द ही उच्च स्तर पर फैसला लेंगे। इसलिए भाजपा जनता को भड़काने का काम न करे।

वहीं प्रदेश के ऊर्जा मंत्री नितीन राऊत राऊत ने सफाई देते हुए कहा कि मैंने बढ़े हुए बिजली बिलों को माफ करने के लिए वित्त विभाग के पास आठ बार प्रस्ताव भेजा था। लेकिन कोरोना संकट के कारण राज्य सरकार की तिजोरी में पैसे नहीं होने के कारण यह संभव नहीं हो सका। राऊत ने कहा कि विपक्ष बिजली बिल माफ करने की मांग कर रहा है। यदि भाजपा को जनता की चिंता है तो पार्टी केंद्र सरकार से महाराष्ट्र का जीएसटी का बकाया पैसा दिलाए। इसके बाद सरकार बिजली बिलों को कम करने के बारे में फैसला ले सकती है। राऊत ने कहा कि भाजपा सरकार के समय महावितरण का बकाया 50 हजार करोड़ रुपए पर पहुंच गया था। कोरोना संकट के बाद यह बकाया अक्टूबर महीने तक यह बकाया 59 हजार 102 करोड़ रुपए तक पहुंच गया है। 

प्रदेश में तीन दलों की महाविकास आघाड़ी सरकार में कांग्रेस के मंत्रियों के विभागों को कम निधि मिलने को लेकर पार्टी में नाराजगी है। लेकिन राऊत इस बारे में स्पष्ट बोलने से बच रहे हैं। दूसरी ओर राकांपा प्रदेश अध्यक्ष तथा जलसंसाधन मंत्री जयंत पाटील ने कहा कि कांग्रेस के मंत्रियों के विभागों को निधि नहीं मिलने को लेकर कांग्रेस में कोई नाराजगी नहीं है। 

वहीं विधान सभा में विपक्ष के नेता देवेंद्र फडणवीस ने सरकार पर हमला बोला है। फडणवीस ने कहा कि सरकार ने जनता के साथ विश्वास घात किया है। मंत्री राऊत अपना मुंह छिपाने के लिए गलत बयान दे रहे हैं। फडणवीस ने कहा कि यदि सरकार में ताकत और शक्ति है तो ही राहत देने के लिए घोषणा करना चाहिए थी। 
 

Created On :   18 Nov 2020 9:25 PM IST

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