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कृषि विधेयक के समर्थन में शिवसेना - कहा किसानों के हित में है विधेयक
डिजिटल डेस्क, मुंबई। संसद में पारित कृषि विधेयकों को लेकर प्रदेश की महाविकास आघाड़ी सरकार के घटक दल बंटे नजर आ रहे हैं। शिवसेना नेता तथा प्रदेश के कृषि मंत्री दादाजी भुसेने संसद में मंजूर कृषि विधयकों का समर्थन किया है। गुरुवार को मंत्रालय में भुसे ने कहा कि कृषि विधेयकों पर कांग्रेस का अलग मत हो सकता है लेकिन शिवसेना स्वतंत्र पार्टी है। पक्ष प्रमुख तथा मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे शिवसेना की भूमिका तय करते हैं। भुसे ने कहा कि कृषि विधेयक में कई मुद्दे किसानों के हित में हैं। किसान अपने उत्पाद सीधे ग्राहकों और व्यापारियों को बेच सकते हैं। लेकिन किसानों को व्यापारियों से बेचे गए उत्पाद के पैसे मिलने की कानूनन गारंटी होनी चाहिए। भुसे ने कहा कि व्यापारियों को लेकर महाराष्ट्र के किसानों का अनुभव कटु रहा है। कई बारकिसानों के पास व्यापारी आते हैं। शुरुआत में व्यापारी किसानों को थोड़े ज्यादा पैसे देकर अपनी अच्छी छवि तैयार करते हैं। कुछ दिन बाद ये व्यापारी किसानों से उत्पाद खरीदकर फरार हो जाते हैं।इससे पहले प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष तथा राज्य के राजस्व मंत्री बालासाहेब थोरात ने कृषि विधेयकों का विरोध किया था। उन्होंने कहा था कि कृषि विधेयक उद्योगपतियों के लाभ के लिए लाया गया है। वहीं राकांपा के सांसदों ने राज्यसभा में विधेयक पेश किए जाने के समय वॉक आउट कर अप्रत्यक्ष रूप से विधेयकों का समर्थन किया था। हालांकि बाहर राकांपा इस विधेयक को किसान विरोधी बता कर इसका विरोध कर रही है।
फसलों के नुकसान का पंचनामा करने का आदेश
कृषि मंत्री दादाजी भुसे ने कहा कि पिछले कई दिनों से अतिवृष्टि और बाढ़ के कारण काफी जगहों पर किसानों के फसलों का नुकसान हुआ है। फसलों के नुकसान का पंचनामा करने के आदेश दिए गए हैं। पंचनामे की रिपोर्ट राज्य मंत्रिमंडल में रखी जाएगी। इसके बाद किसानों को नुकसान के लिए मदद देने का फैसला लिया जाएगा।
Created On :   24 Sept 2020 8:24 PM IST