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अफजल खान से गठबंधन करने वाली शिवसेना ने खोई नैतिकता, कांग्रेस ने साधा निशाना

डिजिटल डेस्क, मुंबई। भाजपा के साथ गठबंधन को लेकर कांग्रेस ने शिवसेना पर निशाना साधा है। प्रदेश कांग्रेस समिति के महासचिव और प्रवक्ता सचिन सावंत ने कहा कि अफजल खान से गठबंधन करने वालों को शिवाजी महाराज ने कठोर दंड दिया होता। उन्होंने कहा कि अब शिवसेना को शिवाजी महाराज का नाम लेने का नैतिक अधिकार नहीं रह गया है। गौरतलब है कि बीते विधानसभा चुनाव के वक्त उद्धव ने नरेंद्र मोदी व उनकी टीम की तुलना अफजल खान से की थी। सावंत ने कहा कि सत्ता के लिए लाचार शिवसेना को शिवसेना भवन से शिवाजी महाराज की प्रतिमा हटा देनी चाहिए। शिवसेना अब दया की पात्र सेना हो गई है। संवाददाताओं से बातचीत में उन्होंने कहा कि आगामी चुनाव मोदी समर्थकों और विरोधियों के बीच है। ऐसे में भाजपा शिवसेना की युती से महाआघाड़ी को फायदा होगा। मोदी विरोध का झूठा मुखौटा गिर गया है इसलिए शिवसैनिक भी आगामी चुनावों में कांग्रेस के पक्ष में मतदान करेंगे। सावंत ने कहा कि पिछले पांच सालों के पापों का घड़ा दोनों पार्टियों को साथ ही उठाना होगा। उन्होंने कहा कि सर्वोत्तम अभिनेता के लिए मुख्यमंत्री और उद्धव ठाकरे का नामांकन होना चाहिए। दोनों ने मिलकर जनता को फंसाया है। सावंत ने गठबंधन को लेकर दोनों पार्टियों से 10 सवाल भी पूछे हैं। इसमें से ज्यादातर सवाल दोनों पार्टियों द्वारा एक दूसरे पर लगाए गए आरोपों को लेकर है। सावंत ने सवाल किया कि युति अखंड महाराष्ट्र की शपथ लेगी या अलग विदर्भ की साथ ही उन्होंने पूछा कि शिवसेना ने कहा था कि नागपुर का महापौर रहते मुख्यमंत्री ने घोटाला किया था अब उसकी जांच कौन करेगा, इसके अलावा मुंबई मनपा चुनाव के दौरान भाजपा की ओर से शिवसेना पर लगाए गए आरोपों पर भी सवाल उठाए गए हैं।
रद्द हो नाणार परियोजना
सावंत ने मांग की है कि सऊदी अरब की कंपनी आरामको की नाणार परियोजना से जुड़ा समझौता रद्द किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि पुलवामा आतंकी हमले के बाद भारत के विरोध को दरकिनार कर सऊदी अरब के राजकुमार मोहम्मद बिन सलमान पाकिस्तान के दौरे पर गए और इस आतंकी राष्ट्र की करीब डेढ़ लाख करोड़ रुपए की आर्थिक मदद की घोषणा की। यही नहीं उन्होंने खुद को पाकिस्तान का ब्रैंड एंबेसेडर घोषित कर मौलाना मसूद अजहर को बचाने वाले देश को बढ़ावा दिया। ऐसे में खाली राष्ट्रवाद का ढोल पीटने के बजाय भाजपा को सऊदी अरब के साथ समझौतों पर फिर से विचार करना चाहिए।
Created On :   19 Feb 2019 10:40 PM IST