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शिवसेना सांसद भावना गवली पर 55 करोड़ के घोटाले का आरोप, ईडी से की शिकायत
डिजिटल डेस्क, मुंबई। शिवसेना सांसद भावना गवली पर 55 करोड़ रुपए के घोटाले का आरोप लगा है। वाशिम के सामाजिक कार्यकर्ता हरीश सारडा ने बालाजी सहकारिता शक्कर कारखाने के खिलाफ केंद्रीय सहकारिता मंत्री अमित शाह और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) से शिकायत की है। सोमवार को मुंबई मराठी पत्रकार संघ में आयोजित पत्रकार परिषद में सारडा ने कहा कि गवली के खिलाफ राज्य के मुख्यमंत्री, सहकारिता मंत्री समेत सभी संबंधित पक्षों से शिकायत के बावजूद अब तक सुनवाई नहीं हुई।
सारडा का दावा है कि गवली ने अपनी बेनामी कंपनी भावना एग्रो प्रोडक्ट्स एंड सर्विसेस लिमिटेड के जरिए राष्ट्रीय सहकारिता विकास महामंडल (एनसीडीसी) को 43.35 करोड़ रुपए का चूना लगाया है। उन्होंने बताया कि गवली ने खुद बालाजी सहकारी पार्टिकल बोर्ड नाम का कारखाना बनाया जिसमें प्लाइवुड का निर्माण किया जाना था। वे खुद इस कारखाने की अध्यक्ष बनीं और फर्जी कागजात और आंकड़ों के सहारे एनसीडीसी से 43.35 करोड़ रुपए का कर्ज ले लिया। उन्होंने 10 साल तक केंद्र सरकार से पैसे लिए लेकिन कारखाना कभी शुरू ही नहीं हुआ। बाद में उन्होंने केंद्र सरकार से 10 करोड़ रुपए और मांगे।
सारडा के मुताबिक कारखाना शुरू हुए बिना गवली ने उसे घाटे में बता दिया। फिर कारखाना बेचने के लिए जो मंडल बनाया गया भावना गवली उसकी अध्यक्ष बनीं और उनकी मां शालिनी ताई गवली इसकी सदस्य बनाई गईं। अपनी ही बेनामी कंपनी भावना एग्रो प्रोडक्ट्स एंड सर्विसेस लिमिटेड को उन्होंने 7 करोड़ 9 लाख 90 हजार रुपए में अपने ही निजी सचिव को बेच दी। लेकिन ये पैसे भी सरकार को नहीं दिए गए और अब तक सरकार को सिर्फ 25 लाख रुपए दिए गए हैं। सारडा ने कहा कि गवली ने भावना एग्रो प्रोडक्ट्स एंड सर्विसेस लिमिटेड कंपनी के लिए स्टेट बैंक ऑफ इंडिया से पांच करोड़ जबकि एक सहकारी बैंक से ढाई करोड़ रुपए कर्ज लिया। उन्होंने इस पूरे मामले की उच्च स्तरीय जांच की मांग की है।
शिकायत पर करने पर हुआ हमला
वाशिम बाजारसमिति के पूर्व सभापति प्रभाकर लांडकर ने बताया कि मामले में रिसॉर्ट पुलिस स्टेशन, वाशिम के एसपी से शिकायत साथ हाईकोर्ट की नागपुर खंडपीठ में याचिका भी दायर की गई है। वहीं सारडा ने कहा कि शिकायत के बाद उन पर गवली के लोगों ने हमले किए जिसके चलते वे पिछले डेढ़ महीने से अपने घर नहीं जा पा रहे हैं। उन्होंने अपने ऊपर हमले के बाद सुरक्षा की गुहार लगाई थी लेकिन दवाब में 15 दिन में सुरक्षा हटा ली गई। वे पैसे देने को तैयार हैं लेकिन उन्हें सुरक्षा नहीं मिल रही है।
Created On :   2 Aug 2021 8:38 PM IST