शिवसेना का हुआ बुरा हाल, 2017 के मुकाबले घट गए वोट

Shiv Senas bad condition in Uttar Pradesh assembly elections
शिवसेना का हुआ बुरा हाल, 2017 के मुकाबले घट गए वोट
उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव शिवसेना का हुआ बुरा हाल, 2017 के मुकाबले घट गए वोट

डिजिटल डेस्क, मुंबई। बड़े जोश खरोश के साथ उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में उतरी शिवसेना को बुरा हाल रहा। इस बार शिवसेना के युवराज महाराष्ट्र के पर्यटन मंत्री आदित्य ठाकरे भी शिवसेना उम्मीदवारों का चुनाव प्रचार करने यूपी गए थे पर 2017 के मुकाबले इस बार शिवसेना को और कम वोट मिले हैं। इस बार शिवसेना ने उत्तर प्रदेश विधानसभा 37 उम्मीदवार उतारे थे, पर शिवसेना को 0.02 प्रतिशत वोट मिले जबकि 2017 के विधानसभा चुनाव में पार्टी ने 0.10 प्रतिशत वोट हासिल किए थे। इस  बार शिवसेना को नोटा से भी कम वोट मिले हैं। सिद्धार्थनगर की डूमरियागंज सीट पर उतरे शिवसेना उम्मीदवार राजू श्रीवास्तव से पार्टी को जीत की उम्मीद थी। इनके चुनाव प्रचार के लिए मुंबई से आदित्य ठाकरे भी गए थे पर राजू श्रीवास्तव को केवल 3702 वोट मिले। शिवसेना के प्रवक्ता आनंद दुबे महिनों यूपी में डटे रहे। पर शिवसेना उम्मीदवारों को यूपी की जनता ने पसंद नहीं किया। शिवसेना की दूसरी मजबूत उम्मीदवार इलाहाबाद के कोरांव विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र से शिवसेना उम्मीदवार आरती कौल 3090 वोट ही मिले।  

 

2017 से भी बुरा हाल  

वर्ष 2017 के उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में शिवसेना ने 57 सीट पर अपने उम्मीदवार उतारे थे। पार्टी को कुल 88 हजार 595 वोट मिले थे और 56 सीटो पर जमानत जब्त हो गई थी। शिवसेना को तब 0.10 प्रतिशत वोट मिले थे। शिवसेना की यह हालत तब थी जब वह भाजपा के मित्र दलों में शामिल थी। शिवसेना का यही हाल 2012 के विधानसभा चुनाव में भी था। पार्टी के 31 उम्मीदवारों में से सभी की जमानत जब्त हो गई थी। इस चुनाव में पार्टी को कुल 21714 वोट मिले थे।

राकांपा का भी नहीं खुल सका खाता

राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) ने समाजवादी पार्टी के साथ गठबंधन कर यूपी में चुनाव लड़ा। सपा ने बुलंदशहर के अनूपशहर विधानसभा सीट की सीट राकांपा के राष्ट्रीय महासचिव के.के. शर्मा को दी थी। लेकिन शर्मा 44 हजार 25 वोट पाकर तीसरे क्रमांक पर रहे। 
  
 
 

Created On :   10 March 2022 9:55 PM IST

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