शिवशाही बसें भी हो रही बदहाल,  20 से ज्यादा बसों का चार्जिंग प्वाइंट बंद

Shivshahi buses condition worst, charging point of more than 20 buses closed
शिवशाही बसें भी हो रही बदहाल,  20 से ज्यादा बसों का चार्जिंग प्वाइंट बंद
शिवशाही बसें भी हो रही बदहाल,  20 से ज्यादा बसों का चार्जिंग प्वाइंट बंद

डिजिटल डेस्क, नागपुर। शिवशाही बसों में सफर करनेवाले अधिकांश यात्री इन दिनों अपने मोबाइल पर बात नहीं कर पा रहे हैं। जिसका मुख्य कारण कई घंटे का सफर रहने से उनका मोबाइल  बंद  होना हो रहा है।  बसों में लगे शॉकेट शोपीस बने  हुए हैं। इर्न्वटर नहीं होने से बिना करंट के शॉकेट यात्रियों को मानो चिढ़ा रहे हैं। 20 से ज्यादा बसों में यह हाल गत एक महीने से है। ऐसे में कई बार यात्री व कंडक्टर, ड्राइवरों में ही विवाद हो रहा है। संबंधित अधिकारी इस समस्या को अनदेखा कर रहे हैं।

नागपुर के गणेशपेठ बस स्टैण्ड से लंबे समय तक यात्रियों के लिए लाल बसें ही अहम रही है, लेकिन अब इनकी स्थिति खराब होती जा रही है। जिससे इन बसों को बदलकर नई शिवशाही बसों को चलाने का अभियान एक साल पहले ही शुरू हो चुका है। नई बसों को बदलते समयानुसार यात्रियों की जरूरतों को देख बनाया जा रहा है। कई घंटों तक लंबा सफर रहने से इन बसों में कैमरे, वाई-फाई व मोबाइल चार्ज करने के लिए शॉकेट की व्यवस्था की गई है। ऐसे में सफर के दौरान ट्रेनों की तरह इन बसों में भी यात्री अपने मोबाइल चार्ज कर पाते हैं। लेकिन इन दिनों संबंधित प्रशासन की लापरवाही के कारण 20 से ज्यादा बसों के शॉकेट बंद पड़े हैं। इनमें लगे इन्वर्टर को सुधारने के लिए महीनों पहले भेजे गये हैं। लेकिन अभी तक यह वापस नहीं आ सके हैं। परिणामस्वरूप घंटों के सफर में मोबाइल डिचार्ज होने के बाद कंडक्टर व यात्रियों में विवाद हो रहा है।

इन गाड़ियों में काम नहीं कर रहे शॉकेट 

गणेशपेठ बस स्टैण्ड से प्रतिदिन शेगांव, पुणे, औरंगाबाद, अमरावती, यवतमाल, नांदेड आदि जगहों पर बसें जाती है। इन बसों को गंतव्य तक पहुंचने के लिए 12 घंटे तक का समय लग जाता है। इस बीच यात्री मोबाइल से बातचीत करने से लेकर इंटरनेट के माध्यम से मनोरंजन मोबाइल के सहारे ही करते रहता है। जिससे कुछ ही घंटों में मोबाइल को चार्जिंग की जरूरत पड़ती है। लेकिन शॉकेट बंद रहने से वह मोबाइल चार्ज ही नहीं कर पा रहा है। परिणामस्वरूप सफर के दौरान वह मोबाइल रहने के बाद भी किसी से बात नहीं कर पा रहे हैं।

सालभर में ही सुविधाओं की उड़ने लगी है, धज्जियां

शिवशाही बसों को शुरू होकर एक साल भी ठीक से नहीं हुआ है। लेकिन रखरखाव का अभाव कहे, या लापरवाही यात्री सुविधाओं की धज्जियां उड़नी शुरू हो गई है। पहले वाई-फाई नहीं मिलना फिर कैमरों का बंद रहना, गाड़ी बार-बार पंक्चर होना और अब शॉकेट का खराब होना आदि सुविधाओं की धज्जियां उड़ रही है।
 

Created On :   3 Oct 2019 10:15 AM GMT

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