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स्मोकिंग करने वालों को कोरोना का खतरा ज्यादा, राज्य सरकार ने हाईकोर्ट को दी जानकारी
डिजिटल डेस्क, मुंबई। बांबे हाईकोर्ट ने बुधवार को महाराष्ट्र सरकार से कहा कि वह धूम्रपान करने वालों को कोविड-19 से बचाने के संबंध में राज्य द्वारा उठाए जा सकने वाले कदमों से उसे अवगत कराए। राज्य सरकार ने अदालत को बताया है कि धूम्रपान करने वालों के कोरोना वायरस से संक्रमित होने का खतरा ज्यादा है। न्यायमूर्ति एस. पी. देशमुख और न्यायमूर्ति जी. एस. कुलकर्णी ने राज्य के महाधिवक्ता आशुतोष कुंभकोणी से ऐसे कदमों की सूची बनाकर हलफनामे के रूप में उसे अगले सप्ताह तक दायर करने को कहा है। खंडपीठ कोविड-19 महामारी से जुड़ी दवाओं और संसाधनों के प्रबंधन से जुड़ी कई जनहित याचिकाओं पर सुनवाई कर रही थी। कुंभकोणी ने खंडपीठ को बताया कि केन्द्र सरकार के नाभिकीय ऊर्जा विभाग के तहत काम करने वाले टाटा मेमोरियल सेंटर के विशेषज्ञों ने दुनिया भर में किए गए विभिन्न अध्ययनों के आधार पर 15 जून को राज्य सरकार को दी गई सूचना में बताया कि है कि धूम्रपान करने वालों के कोरोना वायरस से संक्रमित होने का खतरा ज्यादा है। इसी सूचना के आधार पर अदालत ने उक्त निर्देश दिए हैं।
कुंभकोणी ने बताया कि विशेषज्ञों ने जिन अध्ययनों का विश्लेषण किया है उनमें से ज्यादातर का निष्कर्ष है कि धूम्रपान करने वालों के कोरोना वायरस से संक्रमित होने का खतरा ज्यादा है और संक्रमित होने पर बीमारी के अन्यों के मुकाबले ज्यादा गंभीर होने का भी खतरा है। उन्होंने कहा कि कैंसर रोग के क्षेत्र में विशेषज्ञ टाटा मेमोरियल सेंटर ने जितने अध्ययनों का विश्लेषण किया है उनमें से सिर्फ तीन ऐसे हैं जिनका निष्कर्ष इससे अलग है। कुंभकोणीने कहा-कोविड-19 हमारे श्वसन तंत्र को प्रभावित करता है। जो लोग धूम्रपान करते हैं, उनका श्वसन तंत्र पहले से ही खराब स्थिति में होता है।महाधिवक्ता ने कहा कि वह सुनवाई की अगली तारीख, 25 जून तक इस संबंध में विशेषज्ञों के विस्तृत विचार हलफनामे के रूप में दायर करेंगे।
Created On :   16 Jun 2021 8:26 PM IST