मंत्री ने रद्द किया दामाद को दिया 1500 करोड़ का ठेका

Somaiyas claim - Minister canceled the contract of 1500 crores given to son-in-law
मंत्री ने रद्द किया दामाद को दिया 1500 करोड़ का ठेका
सोमैया का दावा मंत्री ने रद्द किया दामाद को दिया 1500 करोड़ का ठेका

डिजिटल डेस्क, मुंबई। प्रदेश के ग्रामीण विकास मंत्री हसन मुश्रीफ ने अपने दामाद मतीन मंगोली की कंपनी जयोस्तुते मैनजमेंट प्राइवट लिमिटेड को आवंटित ग्राम पंचायतों, पंचायत समितों और जिला परिषदों के टीडीसी और आयकर रिटर्न भरने के 1500 करोड़ रुपए के ठेके को रद्द कर दिया है। गुरुवार को भाजपा के पूर्व सांसद किरीट सोमैया ने यह दावा किया। सोमैया ने दावा किया कि मुश्रीफ के ठेका रद्द करने से फैसले से घोटाला साबित हो चुका है। अब मुश्रीफ को इस्तीफा दे देना चाहिए। सोमैया ने कहा कि मुश्रीफ ने भ्रष्ट तरीके से अपने दामाद की कंपनी को 10 सालों के लिए ठेका दिया था। मैंने इसके खिलाफ राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी और जांच एजेंसियों के पास शिकायत की थी। जिसके बाद मुश्रीफ को ठेका रद्द करना पड़ा है।

परिवहन मंत्री परब के रिसार्ट को एनजीटी की नोटिस 

इस बीच सोमैया ने कहा कि प्रदेश के परिवहन मंत्री अनिल परब के रत्नागिरी के दापोली तहसील के मुरुड में अवैध रिसॉर्ट के मामले में राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) ने नोटिस भेजा है। परब को एनजीटी के समक्ष 25 नवंबर पेश होना है। सोमैया ने कहा कि अवैध रिसॉर्ट के निर्माण कार्य मामले में राज्य के लोकायुक्त जस्टिस विद्यासागर कानडे ने राज्य के गृह सचिव और पर्यावरण सचिव को 7 दिसंबर को हाजिर रहने के आदेश दिए हैं। सोमैया ने दावा किया कि यह सिद्ध हो गया है कि परब ने अवैध निर्माण किया है। इसलिए परब को भी इस्तीफा दे देना चाहिए। 

राऊत ने घोटाले की जांच के लिए सोमैया को लिखा पत्र

दूसरी ओर शिवसेना सांसद संजय राऊत ने भाजपा शासित पुणे की पिंपरी-चिंचवड मनपा के स्मार्ट सिटी परियोजना में 500-700 करोड़ रुपए के कथित घोटाले की जांच ईडी और सीबीआई से कराने की मांग को लेकर सोमैया को पत्र लिखा है। राऊत ने कहा कि परियोजना का ठेका क्रिस्टल इंटाग्रेटेड सर्विस लिमिटेड और आर्कुस कंपनी को देने में बड़ा घोटाला हुआ है। सोमैया भ्रष्टाचार के खिलाफ बोलते हैं। इसलिए हम चाहते हैं कि सोमैया के जरिए यह मामला ईडी के पास जांच के लिए जाएं। इसके जवाब में सोमैया ने कहा कि मुझे समझ नहीं आ रहा है कि राऊत ने ईडी से जांच की मांग करके मोदी सरकार पर विश्वास जताया है अथवा उन्होंने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे की अकार्य क्षमता के प्रति दुख जाहिर किया है। सोमैया ने कहा कि राऊत ने जो आरोप लगाए हैं उसकी जांच करने का अधिकार ईडी नहीं बल्कि राज्य सरकार के पास है। सोमैया ने कहा कि राऊत इस तरीके से पत्र लिखकर महाविकास आघाड़ी पर लगे आरोपों पर से ध्यान भटकाने की कोशिश कर रहे हैं। 
 

Created On :   21 Oct 2021 10:01 PM IST

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