10 दिनों में सोयाबीन के मिलेंगे उचित दाम, कृषि मूल्य आयोग के अध्यक्ष का दावा 

Soyabean will get good price within 10 days, says patel on Monday
10 दिनों में सोयाबीन के मिलेंगे उचित दाम, कृषि मूल्य आयोग के अध्यक्ष का दावा 
10 दिनों में सोयाबीन के मिलेंगे उचित दाम, कृषि मूल्य आयोग के अध्यक्ष का दावा 

डिजिटल डेस्क, मुंबई। राज्य कृषि मूल्य आयोग के अध्यक्ष पाशा पटेल का दावा है कि सोयाबीन का भाव अगले 10 दिनों में सरकार के न्यूनतम समर्थन मूल्य के बराबर पहुंच जाएगा। सरकार ने सोयाबीन के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य 3050 रुपए प्रति क्विंंटल घोषित किया है। फिलहाल सोयाबीन का भाव 2860 रुपए तक पहुंचा है। पटेल ने कहा कि आगामी जनवरी महीने तक बाजार में सोयाबीन की कीमत न्यूनतम समर्थन मूल्य से भी ज्यादा 3200 रुपए तक हो जाएगी। सोमवार को मंत्रालय में पत्रकारों से बातचीत में पटेल ने कहा कि हल्ला बोल आंदोलन और पदयात्रा निकालने वाली वाली राष्ट्रवादी कांग्रेस को सरकार पर आरोप लगाने से पहले भाव में हुई बढ़ोत्तरी की भी जानकारी हासिल करनी चाहिए।  

भाव बढ़कर 2750 से 2990 रुपए प्रति क्विंटल हुआ

पटेल ने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा सोयाबीन खाद्य तेलों पर आयात शुल्क बढ़ाने के फैसले के बाद बाजार में किसानों को ज्यादा भाव मिल रहा है। बीते 6 नवंबर को बाजार में सोयाबीन का भाव 2150 से 2700 रुपए प्रति क्विंटल था, लेकिन अब भाव बढ़कर 2750 से 2990 रुपए प्रति क्विंटल हो गया है। पटेल ने कहा कि पिछले 12 सालों में किसानों को सबसे ज्यादा दाम मिल रहे हैं। पटेल ने कहा कि केंद्र सरकार ने क्रूड पाम तेल, क्रूड सूर्यमुखी तेल और रिफाइन पाम तेल समेत अन्य खाद्य तेलों के आयात शुल्क में 40 प्रतिशत तक बढ़ोतरी करने के लिए 17 नवंबर को अधिसूचना जारी की गई है। इसका परिणाम बाजार में साफ दिखने लगा है।

खाद्य तेल और तुअर पर आयात शुल्क बढ़ाने की 8 बार अधिसूचना 

सोयाबीन के भाव में लगातार इजाफा हो रहा है। पटेल ने बताया कि केंद्र ने क्रूड पाम तेल का आयात शुल्क 15 प्रतिशत से बढ़ाकर 30 प्रतिशत, रिफाइन पाम तेल का आयात शुल्क 25 प्रतिशत से बढ़ाकर 40 प्रतिशत, क्रूड सूर्यमुखी तेल का आयात शुल्क 12.5 प्रतिशत से 25 प्रतिशत, रिफाइन सूर्यमुखी तेल का 20 प्रतिशत से 35 प्रतिशत, क्रूड सोयाबीन तेल 17.5 प्रतिशत से 30 प्रतिशत, रिफाइन सोयाबीन तेल 20 प्रतिशत से 35 प्रतिशत कर दिया गया है। मूंग और उड़द के भाव में भी धीरे-धीरे बढ़ोतरी हो रही है। आगामी समय में चने की दर को लेकर किसानों को थोड़ी परेशानी हो सकती है। इसलिए राज्य की तरफ से केंद्र को चना पर भी आयात शुल्क बढ़ाने की मांग की जा रही है। खाद्य तेल और तुअर पर आयात शुल्क बढ़ाने के लिए केंद्र सरकार ने अगस्त से अब तक 8 बार अधिसूचना जारी की है। 

Created On :   4 Dec 2017 2:15 PM GMT

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