एसटी कर्मियों की हड़ताल से ग्रामीण क्षेत्र में छात्रों की बढ़ी परेशानी

ST workers strike increased the problems of students in rural areas
एसटी कर्मियों की हड़ताल से ग्रामीण क्षेत्र में छात्रों की बढ़ी परेशानी
कोंढाली  एसटी कर्मियों की हड़ताल से ग्रामीण क्षेत्र में छात्रों की बढ़ी परेशानी

डिजिटल डेस्क, कोंढाली। एसटी महामंडल को राज्य सरकार में शामिल करने की मांग को लेकर एसटी कर्मियों की अनिश्चितकालीन हड़ताल जारी है। ग्रामीण क्षेत्रों के छात्रों को शहर अथवा समीपस्थ नगर के आसपास के हाईस्कूल तथा महाविद्यालय में आवागमन के लिए रापनि की बस सेवा ही एकमात्र विकल्प है। लेकिन आंदोलन के चलते यात्री परिवहन सेवा ठप हो जाने से छात्रों का शैक्षणिक नुकसान हो रहा है। वहीं, राज्य सरकार के माध्यम सेे स्कूली छात्राओं को अहिल्या देवी होलकर मुफ्त यात्री पास योजना तथा अन्य छात्रों को आवाजाही  के लिए यात्री  किराए में 67 फीसदी छूट मिलती है। यात्री पास के लिए काटोल बस डिपो के तहत लगभग छह हजार से अधिक छात्र लाभान्वित हैं। बस सेवा बंद होने से विद्यार्थियों विविध समस्याओं से जूझना पड़ रहा है। कोरोना संक्रमण के डर से राज्य सरकार ने एहतियातन कदम उठाते हुए चरणबद्ध तरीके से स्कूल-कॉलेज शुरू किए। अब  कक्षा 5वीं से आठवीं एवं बारहवीं तक ग्रामीण तथा शहरी क्षेत्रों में फीजिकल क्लासेस शुरू की गई है। अब प्राथमिक विद्यालय भी शुरू हो गए हैं। गांव से स्कूल की दूरी अधिक होने के कारण कई बच्चे स्कूल आने-जाने के लिए बस की यात्री पास का उपयोग करते हैं। फिलहाल रापनि के कर्मियों की अपनी मांगों को लेकर  चल रही हड़ताल के चलते बस सेवा बंद है। फलस्वरूप इससे खासतौर पर छात्राओं को परेशानी हो रही है। कोंढाली की हाईस्कूल तथा महाविद्यालयीन छात्रों को राजमार्ग तथा राज्य राजमार्गों से स्कूल जाने आने के लिए निजी वाहनों का सहारा लेना पड़ता है। साथ ही यात्री  किराया भी अधिक होने से आर्थिक व मानसिक परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। विगत डेढ़ वर्षों तक ऑनलाइन पढ़ाई शुरू थी। अब ऑफलाइन क्लासेस शुरू हो गई। अब स्कूल व महाविद्यालयीन शैक्षणिक सत्र के कुछ ही दिन शेष है। 

यात्री पास सेवाधारक 7 हजार छात्रों का प्रश्न

काटोल डिपो अंतर्गत कोंढाली, काटोल, सावरगांव, नरखेड़, जलालखेड़ा बस स्टेशन  से  रापनि   के माध्यम से 12वीं तक की छात्राओं के लिए अहिल्या देवी होलकर मुफ्त बस पास योजना शुरू है। काटोल- नरखेड़ तहसील की  लगभग 2 हजार  छात्राएं इस योजना की लाभार्थी हैं।  इसमें 22 स्कूल और कॉलेजों के छात्र शामिल हैं। इसी प्रकार राज्य सरकार के माध्यम से 67 फीसदी  लाभ देकर छात्रों को पढ़ाई के लिए  पास दी जाती है। इस प्रकार लाभार्थी छात्रों की संख्या लगभग ढाई हजार से अधिक हैं। अब तक कोई समाधान कारक हल नहीं निकलने से गत 128 दिन से चली आ रही एसटी कार्यकर्ताओं की हड़ताल अब भी जारी है।  हालांकि राज्य सरकार द्वारा  आंदोलनकारी कर्मचारियों की विलयीकरण को छोड़ अधिकांश  मांगें मान्य करने की  जानकारी मिल रही है। वहीं रापनि के 70 फीसदी कर्मचारी अभी भी विलयीकरण को लेकर आंदोलन जारी रखे हुए हैं। एसटी हड़ताल का मामला न्यायालय में दाखिल किया गया है। जिसकी  सुनवाई आगामी 11 मार्च को होना है। फिलहाल एसटी द्वारा ग्रामीण अंचल में रापनि का यात्री परिवहन  90 प्रतिशत ठप होने से गरीब छात्रों, वरिष्ठ नागरिक तथा आम नागरिक परेशान हैं।    

काटोल डिपो में सिर्फ 17 कर्मी कार्यरत : प्राप्त जानकारी के अनुसार काटोल डिपो के 309 एसटी कर्मचारियों में से 61 को बर्खास्त, जबकि 80 कर्मचारियों को नियमित दोषारोप दिया गया है। वहीं 5 को निलंबित करने के बाद वर्तमान में 17 कर्मचारी सेवारत हैं। ग्रामीण अंचल के स्कूली छात्रों का भविष्य बचाने के लिए एसटी महामंडल कर्मियों की हड़ताल को लेकर शासन-प्रशासन,   एसटी कर्मचारी तथा कर्मियों के नेताओं द्वारा तुरंत हल निकालने की मांग अभिभावक व ग्रामीण कर रहे हैं।

 

Created On :   27 Feb 2022 5:39 PM IST

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