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6 महीने से रिक्त है राज्य के धर्मादाय आयुक्त का पद

डिजिटल डेस्क, मुंबई। राज्य के धर्मादाय आयुक्त का पद पिछले छह महीनों से खाली है। धर्मादाय आयुक्त के जिम्मे राज्य के सार्वजनिक ट्रस्ट और अन्य संस्थाओं के कामकाज की निगरानी की जिम्मेदारी होती है। लेकिन 5 दिसंबर 2018 से अब तक इस पद पर किसी की नियुक्ति नहीं की गई है। विधि व न्यायविभाग द्वारा नियुक्ति में हो रही देरी से कई सवाल उठ रहे हैं। आरटीआई कार्यकर्ता अनिल गलगली ने धर्मादाय आयुक्त कार्यालय से जानकारी मांगी थी कि यह पद कब से रिक्त है और पद पर नियुक्ति की जिम्मेदारी किसकी है। जवाब में जो जानकारी मिली उसके मुताबिक धर्मादाय आयुक्त पद 187 दिनों से खाली है। धर्मादाय आयुक्त कार्यालय ने अनिल गलगली को बताया कि धर्मादाय आयुक्त पद 5 दिसंबर 2018 से रिक्त है और इस पद पर नियुक्ति का अधिकार राज्य सरकार के पास है। पूर्व धर्मादाय आयुक्त शिवकुमार डिगे की नियुक्त 18 अगस्त 2017 को हुई थी। डिगे ने ऑडिट न कराने वाली संस्थाओं पर शिकंजा कसते हुए धर्मादाय अस्पताल प्रशासन को धर्मादाय शब्द जोड़ने पर बाध्य किया था।
इसके अलावा मानवाधिकार और भ्रष्टाचार जैसे शब्दों के दुरुपयोग को देखते हुए संस्थाओं के नाम से इसे हटाने का आदेश जारी किया था। इसके अलावा 1 लाख से ज्यादा संस्थाओं पर कार्रवाई करते हुए कइयों का पंजीकरण रद्द कर दिया गया था। इन कार्रवाइयों के चलते धर्मादाय आयुक्त लोगों के बीच चर्चा का विषय बन गया था। गलगली के मुताबिक डिगे को हटाने से पहले सरकार को उनकी जगह नए नाम का ऐलान करना चाहिए था। लेकिन विधि व न्यायविभाग के ढुलमुल रवैये के चलते छह महीने बाद भी धर्मादाय आयुक्त की कुर्सी खाली है। गलगली ने मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को खत लिखकर धर्मादाय आयुक्त की नियुक्ति जल्द से जल्द करने की मांग की है।
Created On :   10 Jun 2019 6:58 PM IST