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राज्य सरकार का फरमान : विपक्ष के नेताओं की बैठकों से दूर ही रहेें अधिकारी

डिजिटल डेस्क, मुंबई। विधानसभा और विधान परिषद के विरोधी पक्ष नेताओं को सरकारी अधिकारियों या कर्मचारियों को किसी बैठक बुलाने का अधिकार नहीं है और अगर उन्होंने आदेश दिया हो तो भी इन बैठकों से दूर रहिए। राज्य सरकार ने सरकारी अधिकारियों और कर्मचारियों के लिए यह फरमान जारी किया है। सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा जारी आदेश के मुताबिक मंत्रियों को ही संबंधित प्रशासनिक कामकाज निगरानी और संबंधित अधिकारियों के साथ बैठक करने, उनके साथ विचार विमर्श करने और निर्देश देने का अधिकार है। लेकिन मंत्री का दर्जा प्राप्त विधानसभा और विधान परिषद के विरोधी पक्ष नेता अशासकीय सदस्य हैं। उसी तरह सांसद और विधायक भी अशासकीय सदस्य हैं, इसलिए उनके द्वारा बुलाई गई बैठको या दौरों के दौरान सरकारी अधिकारियों की मौजूदगी अपेक्षित नहीं है।
विपक्ष के नेता को अधिकारियों की बैठक बुलाने का अधिकार नहीं
निर्देश में कहा गया है कि जनता के हित में लिए के फैसलों पर अमल और सार्वजनिक कामों के निपटारे में अड़चन न आए इसके लिए संबंधित जिलाधिकारी जनप्रतिनिधियों के मतदान क्षेत्र के कामों का निपटारा करने के लिए बैठक का आयोजन करें। सदस्यों को जिलाधिकारियों से प्रलंबित कामों की सूची मांगनी चाहिए साथ ही महीने का एक दिन निश्चित कर सरकारी अधिकारियों के साथ बैठक भी आयोजित की जानी चाहिए। साथ ही सामान्य प्रशासन विभाग ने यह भी निर्देश दिया है कि बैठक के दौरान सांसदों और विधायकों को भी चर्चा के लिए बुलाया जाए।
Created On :   21 July 2020 7:57 PM IST