हाईकोर्ट के आवमानना नोटिस पर सरकार सख्त, विभागों की जिम्मेदारी होगी तय

state government is strict after contempt notice by high court
हाईकोर्ट के आवमानना नोटिस पर सरकार सख्त, विभागों की जिम्मेदारी होगी तय
हाईकोर्ट के आवमानना नोटिस पर सरकार सख्त, विभागों की जिम्मेदारी होगी तय

डिजिटल डेस्क, नागपुर। सरकारी छवि बनाए रखने के लिए सरकार ने निर्देश जारी किए हैं। शासकीय अधिकारी व कर्मचारी द्वारा कोर्ट में गलत जानकारी देने या फिर प्रकरण में विलंब होने पर कई बार सरकार के सचिवों को अवमानना नोटिस का सामना करना पड़ा है। प्रधान सचिव स्तर के अधिकारी को कोर्ट में हाजिरी तक लगानी पड़ी है। इससे सरकार की छवि खराब हुई है। अब इस दाग को धोने सरकार ने संबंधित विभाग के अधिकारी व कर्मचारी की जिम्मेदारी तय करने का निर्णय लिया है। किसी मामले में अब सचिव या सरकार को अवमानना नोटिस जारी होने पर संबंधित विभाग के अधिकारी-कर्मचारी की जिम्मेदारी तय कर संबंधित का नाम कोर्ट को सूचित किया जाएगा। इसके अलावा संबंधित याचिका पर सरकार द्वारा किया गया खर्च संबंधित अधिकारी व कर्मचारी के वेतन से वसूला जाएगा। सरकार के इस फैसले से शासकीय कार्यालयों में हड़कंप मचा हुआ है। 13 अक्टूबर 2017 को सरकार ने इस संबंध में परिपत्रक जारी किया है, जिसमें स्पष्ट निर्देश दिए गए हैं।

सरकार की हो रही किरकिरी

कोर्ट में सरकार के खिलाफ लंबित मामलों की लंबी सूची है। इसके लिए बड़ा कारण सरकारी विभागों की लचर प्रणाली बताई जाती है। प्रशासन द्वारा तारीख पर तारीख मांगने या समय पर जवाब नहीं देने से मामला सालों तक चलते रहता है। अनेक मर्तबा कोर्ट द्वारा दिए गए निर्देशों का पालन भी नहीं होता है। ऐसे मामलों में कोर्ट को सख्ती बरतना पड़ता है। हाल के कुछ वर्षों में देखा जाए, तो प्रशासन की इस लापरवाही के कारण सरकार के प्रधान सचिव या सचिवों को अवमानना नोटिस जारी होने के मामले बढ़े हैं। यहां तक कि प्रधान सचिव व सचिवों को खुद कोर्ट में हाजिरी लगानी पड़ी है। सबके सामने फटकार भी खानी पड़ती है।  इससे सरकार की काफी किरकिरी हुई। अब ऐसे मामलों में सरकार ने संबंधित विभाग के अधिकारी व कर्मचारी की जिम्मेदारी तय करने का निर्णय लिया है। 

नाम, पदनाम कोर्ट को बताया जाएगा

13 अक्टूबर को जारी परिपत्रक में उच्च कोर्ट या महाराष्ट्र प्रशासकीय न्यायाधिकरण व अन्य कोर्ट ों में कोर्ट ीन प्रकरण में विभाग के सचिव के विरुद्ध अवमानना याचिका दाखिल होने पर संबंधित विभाग या क्षेत्रीय कार्यालय के जिन अधिकारी व कर्मचारियों की तरफ से प्रकरण में जानबूझकर विलंब हुआ है, उसका पूरा नाम, पदनाम सहित संबंधित कोर्ट को सूचना दी जाएगी। उक्त याचिका संबंध में सरकार द्वारा किया गया खर्च संबंधित अधिकारी या कर्मचारी के वेतन से वसूला जाएगा। सरकार के इस फैसले ने शासकीय विभागों की कार्यप्रणाली पर एक बार फिर सवाल खड़े कर दिए हैं। उम्मीद जताई जा रही है कि अब कोर्ट ीन प्रकरण में शासकीय विभाग एहतियात बरतेंगे।

Created On :   21 Oct 2017 11:38 AM GMT

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