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नांदेड़ में पारंपरिक जुलूस निकालने पर महाराष्ट्र सरकार कल तक ले फैसला - SC
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को नांदेड सिख गुरुद्वारा श्री हजूर अचलनगर साहिब बोर्ड को पारंपरिक दशहरा जुलूस निकालने की इजाजत देने से इंकार कर दिया है। शीर्ष अदालत ने बोर्ड से इसके लिए राज्य सरकार से अनुमति मांगने को कहा और साथ ही अदालत ने महाराष्ट्र सरकार को निर्देश दिया कि वह बोर्ड की मांग पर कल तक फैसला ले। न्यायमूर्ति एल नागेश्वर राव की अध्यक्षता वाली पीठ ने श्री हजूर अचलनगर साहिब बोर्ड की याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा कि राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण कोरोना की स्थिति को देखते हुए फैसला ले। अगर राज्य सरकार के फैसले पर याचिकाकर्ता को आपत्ति हो, तो वह हाईकोर्ट का रुख कर सकते है।
बोर्ड की ओर से दायर याचिका में तीन सदियों पुरानी परंपरा के अनुसार दशहरा, तख्त स्नान, दीपमाला और गुरता गद्दी जुलूस निकालने की अनुमति मांगी गई थी। सुनवाई में याचिकाकर्ता की ओर से पेश अधिवक्ता प्रवीण चतुर्वेदी ने अपनी दलील में केन्द्र सरकार के दिशानिर्देशों के हवाले से कहा कि विवाह के लिए 50 व्यक्तियों को अनुमति दी गई है। हम इस जुलूस में जनता की भागीदारी के लिए नहीं कह रहे हैं। यह एक सीमित मार्ग पर निकलेगा, जिसमें 50 व्यक्ति होंगे।
वहीं केन्द्र की ओर से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि तालाबंदी को 30 मई से उठाने की प्रक्रिया शुरु की है और 21 सिंतबर से राजनीतिक, धार्मिक और सामाजिक समारोह के आयोजन को इजाजत दी गई है। 30 सिंतबर के दिशानिर्देशों के अनुसार कंटेनमेंट जोन में शर्तो के साथ सम्मेलनों में सौ से अधिक लोगों के इकठ्ठा होने को अनुमति दी गई है। इस पर पीठ ने एसजी से पूछा क्या आप 100 व्यक्तिों के इकठ्ठा होने पर सहमत हैं? लेकिन राज्य सरकार जमीनी स्थिति के आधार पर निर्णय ले सकती है। राज्य के हलफनामें को देखा जाए, तो उन्होंने कई त्योहारों में निकलने वाले विशेष तौर पर गणेश चतुर्थी जुलूसों पर प्रतिबंध लगाया है। अगर हम इसकी अनुमति देते हैं, तो अन्य त्योहारों में भी अनुमति मांगेंगे।
Created On :   19 Oct 2020 8:26 PM IST