पेट में धंसा धारदार हथियार आपरेशन कर निकाला, बची युवक की जान

Stranded weapon carried in the stomach, operated, saved the life of a young man
पेट में धंसा धारदार हथियार आपरेशन कर निकाला, बची युवक की जान
पेट में धंसा धारदार हथियार आपरेशन कर निकाला, बची युवक की जान

डिजिटल डेस्क, नागपुर।  पेट में फंसे नुकीले हथियार और गंभीर चोट के साथ ओसीएचआई अस्पताल पहुंचे युवक को सुरक्षित बचा लिया गया। खामला निवासी 25 वर्षीय युवक कुछ दिन पहले गंभीर अवस्था में अस्पताल लाया गया था। अस्पताल के मुख्य वैद्यकीय अधिकारी डॉ. दीपक नरवडे ने मार्गदर्शन में विशेषज्ञ डॉक्टरों की टीम ने युवक की प्राथमिक जांच की तो पता चला कि उसके पेट के अंदरूनी हिस्से में धारदार हथियार से घाव हुए थे।

विशेष सर्जरी विशेषज्ञ डॉ. मुकुंद ठाकुर के निरीक्षण में युवक को तत्काल आईसीयू में भर्ती किया गया। डॉक्टरों की टीम ने सर्जरी कर क्षतिग्रस्त अंदरूनी अवयवों का उपचार किया और हथियार को निकाला। टीम में डॉ. ठाकुर के साथ यूरो सर्जन डॉ सुहास साल्पेकर, वैस्कुलर सर्जन डॉ. रोहित गुप्ता और अस्थिबंध सर्जरी विशेषज्ञ डॉ. संदीप वाघ, डॉ. स्मिता हरकरे, डॉ. कविता धुर्वे और नर्स पिंकी साखरे शामिल थे। 

कुछ मिमी से बच गए महत्वपूर्ण अवयव
युवक के पेट में बड़ी आंत की मांसपेशियां दो जगह पर फटी हुई थी। साथ ही छोटी आंत का हिस्सा भी जख्मी था। पेट में नुकीली चीज फंसी थी। हालांकि उसकी मेसंेट्रिक आर्टरी और आईवीसी अंग कुछ मिलीमीटर के अंतर से बच गए थे।  
-डॉ. मुकुंद ठाकुर

सुपर स्पेशलिटी में अन्न नलिका में फंसी हड्डी निकाली
सुपर स्पेशलिटी में दुर्लभ मामले में अन्न नलिका में फंसी हड्डी को निकाला गया। उपचार सुपर गैस्ट्रोएंटरोलॉजी विभाग के प्रमुख डॉ. सुधीर गुप्ता के नेतृत्व में किया गया। विभाग से मिली जानकारी के अनुसार नागपुर निवासी एकनाथ पांडुरंग सहारे(60) खाने के बाद छाती में भीषण दर्द की शिकायत लेकर सुपर में पहुंचा था। सुपर के गैस्ट्रोएंटरोलॉजी विभाग की ओपीडी में डॉ. सुधीर गुप्ता ने तत्काल इंडोस्कोपी करने का आदेश दिया।

इंडोस्कोपी में अन्न नलिका में फंसी हड्डी का पता चला। इंडोस्कोपी के जरिए बगैर ऑपरेशन के हड्डी को पूरी तरह से निकाल दिया गया है। फिलहाल एकनाथ सुपर में भर्ती है और उसे निगरानी में रखा गया है। प्राप्त जानकारी के अनुसार एकनाथ पांडुरंग सहारे ने करीब 25 दिन पहले मटन खाते समय गलती से हड्डी का टुकड़ा निगल लिया था, जो अन्न नलिका में फंस गई थी। इसके कारण उसे तेज पेटदर्द, छाती में दर्द और सांस लेने में तकलीफ हो रही थी। डॉ. सुधीर गुप्ता के अनुसार हड्डी के कारण अन्न नलिका के फटने का खतरा था, ऐसे में मरीज की जान को खतरा हो सकता था।
 


 

Created On :   30 Jan 2020 8:32 AM GMT

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