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सत्तापक्ष की रणनीति : सीएए-एनआरसी पर चुप रहने की हिदायत

डिजिटल डेस्क, मुंबई। विधानमंडल के बजट सत्र के दौरान विपक्ष के हमलों से निपटने के लिए सोमवार को सत्तापक्ष के तीनों दलों के विधायकों व मंत्रियों की बैठक हुई। इस दौरान सत्ताधारी विधायकों को हिदायत दी गई कि वे सीएए-एनआरसी व एनपीआर जैसे विवादित मुद्दो पर बयानबाजी करने से बचे और विपक्ष का मुकाबला करने के लिए हर रोज सदन में मौजूद रहें। इस दौरान मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने भरोसा दिलाया की महा विकास आघाडी सरकार मजबूत है और उसे कोई खतरा नहीं है। विधानभवन में शिवसेना, कांग्रेस व राकापा के विधायकों व मंत्रियों की बैठक को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने कहा कि गठबंधन के बीच ‘सुगम’ तालमेल है। ठाकरे ने कहा कि पिछले तीन महीनों से सहयोगियों के बीच ‘‘अच्छा तालमेल और सहयोग’’ है। उन्होंने गठबंधन सहयोगियों के बीच आगे सहयोग मजबूत करने की बात कही।
सोनिया गांधी से एक घंटे हुई चर्चा
बैठक के बाद एक मंत्री ने बताया कि ठाकरे ने विधायकों से कहा कि हाल में मेरी दिल्ली की यात्रा के दौरान कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से अच्छी बातचीत हुई। हमने एक घंटे तक तकरीबन हर मुद्दे पर चर्चा की। सूत्रों के अनुसार ठाकरे ने विधायकों से कहा कि वह राकांपा अध्यक्ष शरद पवार और कांग्रेस नेतृत्व के साथ लगातार संपर्क में हैं और गठबंधन में मतभेद के भाजपा के बयानों पर विश्वास नहीं करना चाहिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि महात्मा ज्योतिराव फुले कृषि कर्ज माफी योजना का क्रियान्वयन सोमवार से शुरू हो गया है और सभी लाभार्थी किसानों के दो लाख तक के कर्ज 31 मार्च तक माफ कर दिए जाएंगे। सूत्रों के मुताबिक, तीनों दलों की समन्वय समित की बैठक के दौरान एनपीआर, सीएए और वी डी सावरकर के सम्मान के लिए भाजपा द्वारा लाए जाने वाले प्रस्ताव को लेकर चर्चा होगी। सत्ताधारी दल के विधायकों से कहा गया है कि विवादित मुद्दों लेकर वे संयम रखे और बयानबाजी न करें।
Created On :   24 Feb 2020 9:32 PM IST