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सामूहिक दुष्कर्म से जुड़े एक मामले को लेकर कड़ा रुख, पुलिस महानिदेशक देखेंगे मामले की जांच
डिजिटल डेस्क, मुंबई। बांबे हाईकोर्ट ने सामुहिक दुष्कर्म से जुड़े एक मामले को लेकर कड़ा रुख अपनाया है। इसके तहत हाईकोर्ट ने मामले की जांच से जुड़े दस्तावेज राज्य के पुलिस महानिदेशक को व्यक्तिगत तौर पर देखने को कहा है और प्रकरण की जांच के लिए आईपीएस स्तर के अधिकारी को नियुक्ति करने का निर्देश दिया है। न्यायमूर्ति अजय गड़करी व न्यायमूर्ति पीडी नाइक की खंडपीठ ने मामले से जुड़ी पीड़िता को 24 घंटे पुलिस सुरक्षा प्रदान करने को भी कहा है। इससे पहले खंडपीठ ने कहा कि वर्तमान में मामले की जांच से जुड़े अधिकारी ने पीड़िता के बयान पर अविश्वास दर्शा करके मामले से जुड़े आरोपियों को बचाने का प्रयास किया है। इससे पहले पीड़िता की ओर से पैरवी कर रहे वकील ने कहा कि चूंकि पीड़िता ने मामले से जुड़े पुलिस अधिकारी के खिलाफ आवाज उठाई है। इसलिए उसकी जान को खतरा है। इन दलीलों के मद्देनजर खंडपीठ ने राज्य के पुलिस महानिदेशक को मामले की जांच से जुड़े दस्तावेज को देखने के बाद आईपीएस स्तर के अधिकारी को इस प्रकरण की जांच के लिए नियुक्ति करने को कहा। इसके साथ ही पीड़िता को 24 घंटे पुलिस सुरक्षा देने का निर्देश दिया।
खंडपीठ ने कहा कि जांच अधिकारी ने मामले को लेकर दायर आरोपपत्र में आरोपी को बचाने की कोशिश की है। जांच अधिकारी ने सिर्फ एक आरोपी के खिलाफ दुष्कर्म के आरोप में आरोपपत्र दायर किया है। जबकि दूसरे आरोपी को दुष्कर्म के आरोप के दायरे से दूर रखा है। एक तरह से आरोपी ने इस मामले में जांच से जुड़े बुनियादी सिद्धांतों का पालन नहीं किया है। जबकि मामले में आरोपियों पर लगाए गए आरोप बेहद गंभीर है। पीड़िता ने मामले को लेकर सोलापुर पुलिस स्टेशन में दर्ज एफआईआर की जांच स्थनांतरित करने की मांग को लेकर कोर्ट में याचिका दायर की थी। पीड़िता ने मामले को लेकर भारतीय दंड संहिता की धारा 376डी (सामूहिक दुष्कर्म) 376(2एन) व 506 के तहत पिछले साल एफआईआर दर्ज कराई थी।
Created On :   26 Dec 2022 10:29 PM IST