मेंटल हेल्थ प्राधिकरण के पूरी तरह सक्रिय न होने के लेकर सरकार को कड़ी फटकार

Strong reprimand to the government for not being fully active of the Mental Health Authority
मेंटल हेल्थ प्राधिकरण के पूरी तरह सक्रिय न होने के लेकर सरकार को कड़ी फटकार
हाईकोर्ट मेंटल हेल्थ प्राधिकरण के पूरी तरह सक्रिय न होने के लेकर सरकार को कड़ी फटकार

डिजिटल डेस्क, मुंबई। बांबे हाईकोर्ट ने राज्य मेंटल हेल्थ प्राधिकरण को पूरी तरह सक्रिय करने में राज्य सरकार की विफलता को देखते हुए सरकार को कड़ी फटकार लगाई है। यह प्राधिकरण मेंटल हेल्थ कानून को लागू करने के लिए बनाया गया है। मंगलवार को न्यायमूर्ति नीतिन जामदार व न्यायमूर्ति एनआर बोरकर की खंडपीठ के सामने इस मामले को लेकर मनोचिकित्सक हरीष शेट्टी की ओर से दायर जनहित याचिका पर सुनवाई हुई। याचिका पर गौर करने के बाद खंडपीठ ने कहा कि कानून में मेंटल हेल्थ प्राधिकरण बनाने का प्रावधान इसलिए किया गया है जिससे कानून के उद्देश्य को पूरा किया जा सके। ऐसे में राज्य सरकार अदालत से इस मामले को देखने की अपेक्षा नहीं कर सकती है। इसलिए राज्य सरकार पहले स्टेट मेंटल हेल्थ प्राधिकरण का गठन करे। जो मेंटल हेल्थ कानून के प्रावधानों को लागू करने में मदद करेंगा। कोर्ट को इस मामले से संबंधित काम को नहीं सौपा जा सकता है। इससे पहले अतिरिक्त सरकारी वकील मनीष पाबले ने कहा कि साल 2018 में प्राधिकरण का गठन किया गया था लेकिन इसके कुछ सदस्यों का कार्यकाल खत्म हो गया है। इसलिए प्राधिकरण में कुछ पद रिक्त है। इस पर खंडपीठ ने कहा कि सरकार हमे बताए कि वह कब तक मेंटल हेल्थ प्राधिकरण को पूरी तरह से सक्रिय बनाएगी। खंडपीठ ने अब इस याचिका पर 29 अगस्त को सुनवाई रखी है। गौरतलब है कि याचिका में मुख्य रुप से मांग की है कि राज्य सरकार से प्रदेश के मानसिक रोगियों का इलाज करनेवाली अस्पताल में भर्ती मरीजों की सेहत को लेकर रिपोर्ट मंगाई जाए। क्योंकि मेंटल अस्पतालों में ऐसे मरीजों को भी रखा जाता है जिनकों वहां रखने की जरुरत नहीं है। 

 

Created On :   23 Aug 2022 10:27 PM IST

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