मकान मालिक ने किराया मांगा तो खुले आसमान के नीचे आ गया प्राथमिक स्कूल

Students are studying in open because they have no school building
मकान मालिक ने किराया मांगा तो खुले आसमान के नीचे आ गया प्राथमिक स्कूल
मकान मालिक ने किराया मांगा तो खुले आसमान के नीचे आ गया प्राथमिक स्कूल

डिजिटल डेस्क, शहडोल। जिले में कई स्कूल भवन विहीन हैं। इन स्कूलों का संचालन कच्चे छज्जे के नीचे या किसी के घर में हो रहा है। कुछ स्कूल तो खुले आसमान में चल रहे हैं। ऐसा ही एक विद्यालय है ग्राम पंचायत बिरौड़ी के चैन टोला में। यह भवन विहीन प्राथमिक विद्यालय खुले आसमान में लग रहा है।

साखी संकुल अंतर्गत आने वाला यह स्कूल शिक्षक विहीन भी है। स्कूल में इस वर्ष 20 बच्चों का एडमिशन हुआ है। 2013 से संचालित स्कूल पहले एक निजी कच्चे मकान में चल रहा था, लेकिन पिछले दिनों मकान मालिक ने किराया देने की बात कहकर अपना मकान देने से मना कर दिया। इसके बाद से स्कूल के बच्चे खुले में पढ़ने के लिए मजबूर हैं। हैरानी वाली बात यह है कि स्कूल जैतपुर मुख्यालय से मात्र दो किमी दूर है। इसके बावजूद अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों की नजर इस पर नहीं पड़ रही है।

बारिश में दिक्कत ज्यादा
स्कूल के प्रभारी प्रधानाचार्य रामचरण सिंह ने बताया कि स्कूल संचालन में दिक्कत हो रही है। किसी तरह जुगाड़ से स्कूल संचालित हो रहा है। सबसे ज्यादा दिक्कत बारिश के दिनों में होती है। उन्होंने बताया कि पहले स्कूल एक कुटिया में चलता था, लेकिन किसी ने मकान मालिक से कह दिया कि स्कूल का किराया मिलता है, जिसे शिक्षक लोग नहीं देते हैं, तो उसने किराया मांगना शुरू कर दिया है। उसका कहना है कि किराया देने के बाद ही स्कूल घर में लगने देगा।

स्कूल भवन हो चुका है स्वीकृत
प्रभारी प्रधानाचार्य ने बताया कि स्कूल शिक्षक विहीन है। यहां अभी एक अतिथि शिक्षक की नियुक्ति हुई है, वहीं स्कूल का संचालन करते हैं। उन्होंने यह भी बताया कि स्कूल भवन स्वीकृत हो चुका है। बारिश के बाद काम शुरू होगा। स्कूल में भवन नहीं होने से छात्र संख्या भी कम हुई है। पिछले साल स्कूल में 23 एडमिशन हुए थे, जो इस साल घटकर 20 हो गए हैं।

इनका कहना है
जिले में इस तरह के 17 स्कूल हैं। फिलहाल ये किसी न किसी के घर पर चल रहे हैं। इनके भवन स्वीकृत हो चुके हैं। अगले शिक्षण सत्र तक तैयार हो जाएंगे।
मदन त्रिपाठी, डीपीसी

Created On :   11 Aug 2018 2:37 PM IST

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