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सुभाष पारधी ने कहा - समाज के दर्द को जानता हूं, जिम्मेदारी पर खरा उतरुंगा
डिजिटल डेस्क, नागपुर। राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग के सदस्य सुभाष पारधी आयोग की ओर से मिलनेवाली जिम्मेदारियों को पूरा करने के लिए उत्साही हैं। अनुसूचित समुदाय के अधिकारों के संरक्षण ही नहीं उनके अधिकारों से वंचित करने संबंधी शिकायतों पर आयोग जांच भी करता है। पारधी ने कहा है कि संवैधानिक पद की जिम्मेदारी पर खरा उतरने के लिए वे सभी के साथ मिलजुलकर कार्य करेंगे। संबंधित विषयों पर अध्ययन करेंगे। सामान्य कार्यकर्ता बने रहेंगे। समाज का दर्द जानते है, हर दर्द से आयोग व सरकार को अवगत कराने का प्रयास करेंगे।
सवाल- आयोग सदस्य नियुक्त होने पर पहली प्रतिक्रिया
जवाब - संगठन के कार्यकर्ताओं को प्रोत्साहन की प्रक्रिया से स्तब्ध हूं। सपने में भी नहीं सोचा था कि केंद्रीय आयोग का सदस्य बनूंगा। केंद्रीय मंत्री नितीन गडकरी व पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस का स्नेह मिला है। संगठन की ओर से मेरे से बायोडाटा मंगवाया गया था लेकिन यह नहीं मालूम था कि आयाेग की जिम्मेदारी मिलनेवाली है। वेबसाइट पर आयोग सदस्यों के नामों की सूची जारी हाेने के बाद ही मुझे इस जिम्मेदारी की जानकारी मिली।
सवाल- आयोग कैसे काम करता है
जवाब - आयोग, अनुसूचित समुदाय के अधिकारों के लिए काम करता है। भाजपा में अनुसूचित जाति मोर्चा के लिए लिए महाराष्ट्र में काम करते समय कई बार अनुसूचित आयोग के महत्व से रुबरु हुआ। लेकिन यह बात खुले तौर पर मानता हूं कि फिलहाल मुझे आयोग के कामकाज की पूरी जानकारी नहीं हैं। इस मामले में अध्ययन करुंगा। समाज,राजनीति, शिक्षा ही नहीं हर क्षेत्र के विशेषज्ञों से चर्चा करुंगा। अनुसूचित समुदाय के विषयों पर विविध संगठनों से विमर्श का काम शुरु भी कर दिया है।
सवाल- आयोग या अन्य संस्थाओं में नियुक्तियों पर राजनीतिक प्रभाव रहता है,पद पर रहते इन प्रभावों से कैसे दूर रहेंगे
जवाब - मैं उन कार्यकर्ताओं में हूं जो मानते हैं कि सामाजिक कार्य को मजबूती के साथ करने के लिए राजनीतिक बल की आवश्यकता है। मैं सामान्य कार्यकर्ता के तौर पर राजनीति से जुड़ा हूं। बचपन के दिनों से राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ की शाखाओं में शामिल होते रहा हूं। फुले शाहू आंबेडकर के विचारों के अनुरुप कार्य करता रहा हूं। मुझे लगता है कि संवैधानिक पद पर रहते हुए किसी भी तरह की राजनीति से प्रभावित नहीं रहूंगा। अपने विश्वास पर खरा उतरुंगा। समाज का विश्वास भी कायम रखूंगा।
सवाल- प्राथमिकता क्या रहेगी
जवाब - मेरा जन्म उस समुदाय में हुआ है जो सामाजिक तौर पर वंचित घटक कहलाता है। मैंने सामान्य,वंचित, गरीब परिवार के जीवन को जीया है। समाज को अधिकार दिलाने के लिए सामाजिक कार्यकर्ता के तौर पर कार्य करना ही मेरी प्राथमिकता है। फिलहाल दलित उत्पीड़न प्रतिबंधक कानून एट्रोसिटी के लंबित प्रकरणों की संख्या बढ़ी है। आयोग के चेयरमैन के निर्देशों के अनुरुप कार्य करुंगा।
दौरे पर
अनुसूचित जाति आयोग के सदस्य नियुक्त होने के बाद सुभाष पारधी शनिवार से 3 दिन के दौरे पर शहर में रहेंगे। इस दौरान वे अनुसूचित जाति से संबंधित संगठनाें के कार्यकर्ताओं से चर्चा करेंगे। रविवार को विभागीय आयुक्त, पुलिस आयुक्त व जिलाधिकारी की बैठक लेकर अनुसूचित जाति, जनजाति से जुड़े विषयों पर चर्चा करेंगे।
Created On :   19 Feb 2021 8:34 PM IST