आम आदमी पार्टी की राह पर पूर्व केंद्रीय मंत्री सुबोध मोहिते, युवा-किसान फोरम के माध्यम से जुटाएंगे कार्यकर्ता

Subodh Mohite on the path of Aam Aadmi Party activists will mobilize through Youth and Farmers Forum
आम आदमी पार्टी की राह पर पूर्व केंद्रीय मंत्री सुबोध मोहिते, युवा-किसान फोरम के माध्यम से जुटाएंगे कार्यकर्ता
आम आदमी पार्टी की राह पर पूर्व केंद्रीय मंत्री सुबोध मोहिते, युवा-किसान फोरम के माध्यम से जुटाएंगे कार्यकर्ता

डिजिटल डेस्क, नागपुर। लंबे समय से स्वयं का राजनीतिक समायोजन करने का प्रयास कर रहे पूर्व केंद्रीय मंत्री सुबोध मोहिते आम आदमी पार्टी की राह पर चल पड़े हैं। दिल्ली में अरविंद केजरीवाल तीसरी बार मुख्यमंत्री बने। आम आदमी पार्टी ने अन्य राज्यों में भी चुनावी राजनीति में प्रमुख भूमिका निभाने की तैयारी की है। माना जा रहा है कि मोहिते महाराष्ट्र में आम आदमी पार्टी से जुड़कर अपनी ताकत बढ़ाने का प्रयास कर सकते हैं।

मोहिते ने दो दिन पहले ही राजू शेट्टी के स्वाभिमानी शेतकरी संगठन का साथ छोड़ा है। खुले तौर पर उन्होंने कहा है कि फिलहाल किसी राजनीतिक दल में नहीं रहेंगे। युवाओं व किसानों का फोरम बनाकर राज्य स्तर पर आंदोलनकारी भूमिका निभाएंगे। साथ ही केजरीवाल पैटर्न पर काम करने की तैयारी भी दर्शायी है। गौरतलब है कि मोहिते रामटेक लोकसभा क्षेत्र से शिवसेना के सांसद रहे हैं। अटलबिहारी वाजपेयी के नेतृत्व की राजग सरकार में वे मंत्री बनाए गए थे। बाद में उन्होंने शिवसेना छोड़कर कांग्रेस में प्रवेश लिया। लोकसभा व विधानसभा के चुनाव में कांग्रेस के उम्मीदवार रहे लेकिन सफल नहीं हो पाए। यहां तक कि कांग्रेस में भी स्वयं को उपेक्षित मानते रहे। कांग्रेस के स्थानीय नेताओं के साथ उनका समन्वय कम ही रहा। केंद्र व राज्य के कांग्रेस के नेताओं से भी अधिक संबंध नहीं रहा। लिहाजा कांग्रेस में संगठनात्मक उथलपुथल के दौर में भी वे अपेक्षित संगठनात्मक पद नहीं पा सके। 

इस बीच उन्होंने विनायक मेटे के शिवसंग्राम में भी दांव आजमाया। बाद में मेटे से भी अलग हो गये। राजनीतिक जानकार के अनुसार मोहिते अपना राजनीतिक प्रभाव दिखाने के लिए मराठा समाज के विविध मुद्दों को लेकर राजनीति के साथ स्वयं के लिए नई संभावना तलाशते रहे हैं। फिलहाल युवा व किसान फोरम के माध्यम से वे राज्य सरकार के विरोध में प्रदर्शन करनेवाले हैं। दैनिक भास्कर से चर्चा में उन्होंने कहा है कि रोजगार व किसानों को सहायता के अलावा विकास योजनाओं के निवेश का मुद्दा भुलाकर राज्य में सभी दल केवल राजनीति कर रहे हैं। केंद्र के विरुद्ध राज्य का संघर्ष की स्थिति है। किसी भी दल पर विश्वास नहीं होने के कारण उन्होंने युवाओं व किसानों के संघर्ष को नेतृत्व देने का विचार किया है।

Created On :   21 Feb 2020 1:48 PM IST

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