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हाईकोर्ट में सरकार ने कहा - चीनी घोटाले में पुलिस ने दी पवार परिवार को क्लीन चिट, अन्ना ने लगाया आरोप
डिजिटल डेस्क, मुंबई। राज्य सरकार ने बांबे हाईकोर्ट को सूचित किया है कि चीनी मिल के कथित 25 हजार करोड रुपए के घोटाले को लेकर लगाए गए आरोपों के आधार पर कोई मामला नहीं बनता है। शुक्रवार को सरकारी वकील ने पुलिस की ओर से जांच के बाद तैयार की गई रिपोर्ट के आधार पर यह जानकारी दी। इस तरह से इस मामले में पुलिस की ओर से राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के प्रमुख शरद पवार व उनके भतीजे अजित को इस मामले में क्लिनचिट दे दी गई है। सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर इस पूरे प्रकरण में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के प्रमुख शरद पवार व उनके भतीजे अजित पवार की भूमिका की जांच करने की मांग की थी। मुंबई पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा ने मामले की जांच कर कोर्ट को रिपोर्ट सौपी है, जिसमें कहा गया है कि इस प्रकरण को लेकर की गई शिकायत के आधार कोई मामला नहीं दर्ज किया जा सकता है। हाईकोर्ट ने इस मामले की पिछली सुनवाई के दौरान जांच अधिकारी को प्रगति रिपोर्ट के साथ कोर्ट में हाजिर रहने को कहा था।
याचिकाकर्ता का आरोप, पुलिस ने नहीं की निष्पक्ष जांच
शुक्रवार को मुख्य न्यायाधीश नरेश पाटील व न्यायमूर्ति एनएम जामदार की खंडपीठ के सामने याचिका पर सुनवाई हुई। इस दौरान हजारे की ओर से पैरवी कर रहे वकील एसबी तलेकर ने रिपोर्ट की निष्पक्षता को लेकर सवाल उठाया। उन्होंने कहा कि पुलिस ने मेरे मुवक्किल (हजारे) का अब तक बयान तक नहीं दर्ज किया है। अभी तक चीनी आयुक्त, रजिस्ट्रार (चीनी विभाग) व को-आपरेटिव विभाग के अधिकारियों के बयान तक नहीं लिए गए हैं। अधिकारियों ने कारखानों का दौरा भी नहीं किया है। उन्होंन कहा कि इस मामले से राजनीतिक लोग जुड़े हैं, इसलिए पुलिस ने इस मामले की निष्पक्षता से जांच नहीं की है। इन दलीलों को सुनने के बाद खंडपीठ ने कहा कि हम इस मामले को लेकर दो सप्ताह बाद सुनवाई करेंगे।
हजारे की याचिका में शरद-अजित पवार पक्षकार
साल 2016 में हजारे की ओर से दायर की गई याचिका में दावा किया गया है कि चीनी मिलों पर कर्ज का बोझ बढ़ा कर इन मिलों की जमीन को कौड़ियों के भाव पर बेच दिया गया है। जिससे सरकार को 25 हजार करोड़ रुपए का नुकसान हुआ है। इसलिए इस मामले की जांच एसआईटी से कराई जानी चाहिए। ताकि घोटाले की वजह सामने आ सके और इससे जुड़े लोगों का भी पता चल सके। याचिका में मांग की गई है कि इस पूरे प्रकरण में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के प्रमुख शरद पवार व उनके भतीजे अजित पवार की भूमिका की जांच की जानी चाहिए। याचिका में इन दोनों राजनेताओंे को प्रतिवादी के रुप में पक्षकार बनाया गया है। याचिका में कहा गया है कि इस पूरे मामले में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार हुआ है और सरकार ने अपने अधिकारों का दुरुपयोग किया है। जिससे चीनी मिलों की बिक्री से 25 हजार करोड़ रुपए का नुकसान हुआ है।
Created On :   8 March 2019 8:00 PM IST