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शिवसेना के भीतर उपजे विवाद पर सुप्रीम कोर्ट बुधवार को कर सकता सुनवाई
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट की संवैधानिक पीठ शिवसेना के विधायकों की अयोग्यता, चुनाव चिन्ह और निष्कासन से संबंधित मामले पर बुधवार को विचार करने की संभावना है। मुख्य न्यायाधीश यूयू ललित ने मंगलवार को इसके संकेत दिए है। वहीं महाराष्ट्र सरकार के वकील सिद्धार्थ धर्माधिकारी के अनुसार कल जिन मामलों पर सुनवाई होनी है, उन मामलों की सूची में यह सूचीबद्ध नहीं है। लिहाजा इस मामले पर कल सुनवाई होगी, यह निश्चित कहा नहीं जा सकता।
शिंदे गुट के वकील निरज किशन कौल ने आज मुख्य न्यायाधीश की पीठ के समक्ष इस मामले का उल्लेख करते हुए तत्काल सूचीबद्ध करने का आग्रह किया। हालांकि, सीजेआई ललित ने मामले पर बुधवार को ही सुनवाई करने की ठोस बात तो नहीं कहीं, लेकिन पीठ के अन्य जस्टिस रवींद्र भट के साथ संक्षिप्त परामर्श के बाद कहा कि इसमें निश्चित रूप से कल तक कुछ होगा।
वकील कौल ने मामले का उल्लेख करते हुए कहा कि मामला लंबित होने के कारण चुनाव आयोग के समक्ष असली शिवसेना के निर्धारण की कार्यवाही भी ठप पड़ी हुई है। साथ ही मुंबई महानगर पालिका के चुनाव भी आगामी कुछ महीनों में होने है। ऐसे में मामले का जल्द निपटारा होने की आवश्यकता है।
इससे पहले शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे की ओर से मामले पर जल्द सुनवाई की मांग की गई थी। इसके बाद सेवानिवृत्त सीजेआई रमन्ना की पीठ ने बीती 23 अगस्त को मामले पर सुनवाई की और इसे पांच जजों की संवैधानिक पीठ के पास भेज दिया। सुनवाई 25 अगस्त को मुकर्रर की गई थी, लेकिन उस तारीख को सुनवाई नहीं हुई और तब से मामला ठंडे बस्ते में पड़ा है।
राज्य में एकनाथ शिंदे के नेतृत्व में सरकार तो बन गई, लेकिन मंत्रिमंडल के अगले विस्तार में भी कुछ बागी विधायकों को स्थान मिलने की संभावना कम है। ऐसे में वे नाराज होकर फिर से उद्धव ठाकरे के साथ न हो जाए। दूसरी बात यह भी है कि अगर ऐसा होता है तो शिंदे गुट को दल बदल कानून के तहत कार्रवाई का सामना करना पड़ सकता है। जानकार कहते है कि शायद इसी परिस्थिति को भांपकर मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे भी अब इस मामले पर जल्द सुनवाई चाहते है, ताकि चुनाव आयोग से भी उनके पक्ष में सकारात्मक फैसला आ जाए।
Created On :   6 Sept 2022 9:39 PM IST