सुप्रीम कोर्ट ने एक्टिविस्ट गौतम नवलखा की जमानत याचिका की खारिज

Supreme Court rejects bail plea of ​​activist Gautam Navlakha
सुप्रीम कोर्ट ने एक्टिविस्ट गौतम नवलखा की जमानत याचिका की खारिज
सुप्रीम कोर्ट ने एक्टिविस्ट गौतम नवलखा की जमानत याचिका की खारिज

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को भीमा कोरेगांव मामले में कथित तौर पर आरोपी बनाए गए एक्टिविस्ट गौतम नवलखा को डिफॉल्ट जमानत देने से इंकार करने के बॉम्बे हाईकोर्ट के फैसले को बरकरार रखते हुए नवलखा की याचिका को खारिज कर दिया है। अदालत ने बीते 26 मार्च को फैसला सुरक्षित रख लिया था।  इस मामले में मुख्य दलील यह थी कि क्या 29 अगस्त से 1 अक्टूबर, 2018 के बीच नवलखा की गिरफ्तारी की 34 दिनों की अवधि सीआरपीसी की धारा 167 (2) के तहत डिफॉल्ट जमानत देने के उद्देश से हिरासत की अवधि में शामिल की जा सकती है। नवलखा गैरकानूनी गतिविधि निरोधक अधिनियम के तहत आरोप पत्र दाखिल करने की अवधि की गणना करते हुए 2018 में अपनी गैरकानूनी हिरासत की 34 दिन की अवधि को शामिल करना चाहते थे।

जस्टिस यूयू ललित और जस्टिस केएम जोसेफ की पीठ के समक्ष हुई सुनवाई के दौरान पीठ ने यह जानने की कोशिश की कि क्या नवलखा को दिल्ली से मुंबई ले जाने के लिए दो दिन की ट्रांजिट अवधि और साथ ही वह अवधि जिसमें वह गिरफ्तारी के अधीन था, 90 दिनों की रिमांड अवधि का हिस्सा होगा। कोर्ट ने कहा कि 28 अगस्त, 2018 से 10 अक्टूबर 2018 के बीच नवलखा ने घर में नजरबंदी के तौर पर हिरासत गुजारी थी, जिसका उनकी कुल हिरासत की गणना करने के लिए इस्तेमाल नहीं किया जा सकता है, खासकर गिरफ्तारी के बाद मजिस्ट्रेट के ट्रांजिट रिमांड को दिल्ली हाईकोर्ट ने अवैध पाया था।

महाराष्ट्र पुलिस ने 31 दिसंबर 2017 को हुई एल्गार परिषद और भीमा कोरेगाव हिंसा के बाद दर्ज प्राथमिकी के सिलसिले में 28 अगस्त 2018 को नवलखा को गिरफ्तार किया था। बाद में इस मामले को एनआईए को सौंप दिया गया था।
 

Created On :   12 May 2021 8:43 PM IST

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