इसके अलावा मॉडल कॉमर्शियल वाहन प्रशिक्षण केन्द्र के अस्तित्व पर संकट के बादल छाते दिख रहे हैं। आपको बता दें देश में हर घंटे सड़क दुर्घटनाओं में 16 से अधिक नागरिकों को अपनी जान गंवानी पड़ती है। केंद्रीय परिवहन मंत्रालय ने सड़क दुर्घटनाओं पर नियंत्रण पाने के लिए विशेष प्रशिक्षण अभियान की योजना बनाई है। इसके तहत कॉमर्शियल ह्वीकल और भारी वाहनों के चालकों को सुरक्षित ड्राइविंग का प्रशिक्षण देने का फैसला किया गया है। इसके तहत देश भर में 70 जगहों पर अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुरूप प्रशिक्षण केंद्र शुरू किए जाने हैं। इन केंद्रों में सिम्युलेटर के माध्यम से 9 प्रकार के कमर्शियल एवं हैवी ह्वीकल के ड्राइवरों को प्रशिक्षित दिया जाएगा। इसके अलावा ड्राइवरों को नाइट ड्राइविंग, स्ट्रेस मैनेजमेंट समेत सुरक्षित यातायात के लिए भी गुर सिखाए जाएंगे। 4 साल पहले योजना के पहले चरण के मॉडल पायलट प्रोजेक्ट के रूप में उपराजधानी का चयन किया गया था। राज्य के तत्कालीन परिवहन आयुक्त श्याम वर्धने की पहल पर शहर के सिविल लाइंस स्थित परिवहन कार्यालय में प्रशिक्षण केंद्र खोलने को मंजूरी दी गई। राज्य के अलावा गुजरात, आंध्र प्रदेश और तेलंगाना के वाहन चालकों को यहां प्रशिक्षण दिया जाना है, लेकिन कई माह बीत जाने के बाद भी स्थान के चयन का मामला अटका हुआ है। शहर का परिवहन कार्यालय प्रशिक्षण केन्द्र के लिए 1200 वर्गफीट की जगह अपने कार्यालय में आवंटन की जानकारी दे रहा है, जबकि प्रोजेक्ट को संचालित करने वाली संस्था एसोसिएशन ऑफ स्टेट रोड ट्रांसपोर्ट अंडरटेकिंग इस केन्द्र को गोधनी के ग्रामीण आरटीओ कार्यालय में संचालित करने पर जोर दे रही है। सबसे खास यह है कि पिछले 6 मार्च को फुटाला परिसर में ई- भूमिपूजन भी कर दिया गया है, लेकिन दोनों विभागों की खींचतान में काम को मूर्त स्वरूप नहीं मिल पा रहा है।
तकनीकी समस्या बरकरार
प्रोजेक्ट के लिए सिविल लाइंस स्थित आरटीओ कार्यालय की इमारत परिसर में जगह को मंजूर किया गया था, लेकिन बरसो पुरानी इमारत की खस्ताहाल स्थिति के कारण अत्याधुनिक मशीनों को लगाने की समस्या खड़ी हो गई थी। करीब 28 साल पुरानी इमारत के ग्राऊंड एवं फर्स्ट फ्लोर पर सिम्युलेटर के वजन एवं वाइब्रेशन को सहन करने की क्षमता नहीं होने से काम रुक गया था। सिम्युलेटर कंपनी के निरीक्षण दल ने आरटीओ अधिकारियों को अलग से नया ढांचा तैयार कराने का निर्देश भी दिया था। बावजूद इसके पिछले चार साल में इस दिशा में कोई कदम नहीं उठाया गया। वहीं दूसरी ओर पिछले 6 मार्च को फुटाला परिसर में ट्रेनिंग सेन्टर के लिए ई-भूमिपूजन भी किया गया है। प्रोजेक्ट की निगरानी करने वाली संस्था एसोसिएशन ऑफ स्टेट रोड ट्रांसपोर्ट अंडरटेकिंग, नई दिल्ली की ओर से गोधनी के ग्रामीण आरटीओं कार्यालय को चयन करने की जानकारी दी जा रही है, जबकि राज्य परिवहन विभाग ने ट्रेनिंग सेन्टर के लिए सिविल लाइंस स्थित दूसरे माले की 1200 वर्गफीट जगह आवंटित की है। विभागों के आपसी समन्वय के अभाव में पायलट प्रोजेक्ट के पूरा होने में लंबा समय लग सकता है।
निर्माणकार्य पर नहीं हुई पहल
करीब 4 साल पहले सिविल लाइंस परिसर में आरटीओ कार्यालय की इमारत में केंद्र बनाने से सिम्युलेटर कंपनी ने इनकार कर दिया था। इसके बाद इमारत की मजबूती समेत अन्य प्रावधानों को लेकर आरटीओ अधिकारियों ने पीडब्ल्यूडी से तकनीकी सलाह मांगी थी। पीडब्ल्यूडी के विशेषज्ञ अभियंताओं के दल ने दो बार निरीक्षण कर इमारत को प्रशिक्षण केंद्र के लिए अनुपयुक्त बताया था। इतना ही नहीं प्रशिक्षण केन्द्र के वाइब्रेशन से होने वाली दिक्कतों के अनुरूप नई इमारत का निर्माणकार्य करने की सलाह भी दी थी। इस सलाह को अमलीजामा पहनाने के लिए पीडब्ल्यूडी के अधिकारियों ने 42.78 लाख रुपए से निर्माणकार्य का प्रस्ताव भी आरटीओ कार्यालय को सौंपा था। इस प्रस्ताव में सिम्युलेटर कक्ष के निर्माण कार्य के साथ ही एकोस्टिक ट्रीटमेंट पर भी जोर दिया गया था लेकिन आरटीओ कार्यालय ने इस प्रस्तवा पर दिलचस्पी नहीं दिखाई।