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पिछले 20 सालों से दाऊद गिरोह के संपर्क में था संदिग्ध आतंकी, BJP ने एटीएस की नाकामी बताया
डिजिटल डेस्क, मुंबई। मुंबई में रहने वाले संदिग्ध आरोपी को दिल्ली पुलिस द्वारा पकड़े जाने को भाजपा ने महाराष्ट्र एटीएस की नाकामी बताया है। विधायक आशीष शेलार ने कहा कि नवरात्रि, रामलीला जैसे हिंदुओं के त्योहारों को निशाना बनाने की साजिश रच रहे आरोपियों को दिल्ली पुलिस ने गिरफ्तार किया है। पकड़े गए आरोपियों में धारावी में रहने वाला जान मोहम्मद शेख भी है। मुंबई और राज्य में इस तरह की साजिश रची जा रही है और महाराष्ट्र एटीएस सो रही है क्या? शेलार ने कहा कि पुलिस पर राजनीतिक दवाब के चलते इस तरह की चीजें नदरअंदाज हो जातीं हैं। पत्रकारों से बातचीत में शेलार ने कहा कि असंज्ञेय मामले में केंद्रीय मंत्री को गिरफ्तार करने, पत्रकारों को पैर से मारने की धमकी देने वाली, विधायक के खिलाफ लुकआउट नोटिस जारी करने वाली पुलिस आतंकियों के मामले पर क्या सो रही थी। इंटेलिजेंस की नाकामी का आरोप लगाते हुए शेलार ने राज्य के गृहमंत्री से भूमिका स्पष्ट करने की मांग की। वहीं पूर्व मुख्यमंत्री और विधानसभा में विपक्ष के नेता देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि यह बेहद गंभीर मामला है। देश के अलग-अलग इलाकों में खासकर मुंबई में आतंकी का होना खतरे की घंटी है। मुझे लगता है कि इस मामले पर गंभीरता से ध्यान दिया जाना चाहिए। जगह-जगह छिपकर बैठे आतंकियों को ढूंढ निकालना बेहद जरूरी है। ऐसा दोबारा न हो इसके लिए जरूरी एहतियात बरतना चाहिए साथ ही ऐसे लोगों को खत्म कर दिया जाना चाहिए।
खुफिया विभाग की विफलता नहीं-वलसे पाटील
संदिग्ध आतंकियों में मुंबई के व्यक्ति के शामिल होने की जानकारी सामने आने के बाद राज्य की सुरक्षा एजेंसियां हरकत में आ गईं हैं। बुधवार को राज्य के गृहमंत्री दिलीप वलसे पाटील ने सुरक्षा के मुद्दे पर अतिरिक्त मुख्य सचिव (गृह), मुंबई पुलिस आयुक्त, महाराष्ट्र एटीएस प्रमुख समेत संबंधित अधिकारियों से साथ बैठक की और मामले से जुड़ी जानकारी ली। इसके बाद पत्रकारों से बातचीत में वलसे पाटील ने इस बात के इनकार किया कि संदिग्ध के बारे में राज्य की खुफिया एजेंसियां पता लगाने में नाकाम हो गईं। उन्होंने कहा कि दिल्ली पुलिस द्वारा पकड़े गए संदिग्ध जान मोहम्मद शेख के बारे में महाराष्ट्र एटीएस को जानकारी थी और उस पर नजर रखी जा रही थी। ऐसे में खुफिया तंत्र की नाकामी का सवाल ही नहीं है। संदिग्ध आरोपी के खिलाफ 2021 में एक मामला दर्ज किया गया था। उन्होंने कहा कि संवेदनशील मामला होने के चलते इस पर वे ज्यादा खुलासा नही कर सकते लेकिन पुलिस अपना काम कर रही थी। आरोपी के बारे में दिल्ली पुलिस द्वारा जानकारी न दिए जाने पर वलसे पाटील ने कहा कि कई राज्यों की पुलिस दूसरे राज्यों में जाकर कार्रवाई करती है। एक दूसरे मामले में महाराष्ट्र पुलिस ने भी दो दिन पहले दिल्ली से दो आरोपियों को गिरफ्तार किया था। यह बेहद सामान्य बात है।
पिछले 20 सालों से दाऊद गिरोह के संपर्क में था संदिग्ध आतंकी जान मोहम्मद
दिल्ली पुलिस द्वारा गिरफ्तार संदिग्ध आतंकी जान मोहम्मद शेख उर्फ समीर कालिया पिछले 20 सालों से दाऊद गिरोह से जुड़ा हुआ था और वह महाराष्ट्र आतंकवाद निरोधक दस्ते (एटीएस) के भी रडार पर था। राज्य के एटीएस प्रमुख विनीत अग्रवाल ने बुधवार को पत्रकारों से बातचीत में यह जानकारी दी। शेख मुंबई के धारावी इलाके की एक झुग्गी बस्ती में पत्नी और दो बेटियों के साथ रहता है। पुलिस और एटीएस ने उसके परिवार के साथ-साथ असगर नाम के उस एजेंट से भी पूछताछ की है जिसने उसका टिकट निकाला है। जान मोहम्मद के घर की तलाशी लेने के साथ पुलिस ने उसके बारे में पड़ोसियों से भी बातचीत की और सभी ने उसके आतंकी गतिविधियों में शामिल होने पर हैरानी जताई है। परिवार ने पुलिस को बताया है कि वह यूपी जाने की बात कहकर घर से निकला था।
अग्रवाल ने बताया कि शेख ने 10 तारीख को एजेंट को पैसे देकर दिल्ली की टिकट निकलवाई थी लेकिन टिकट कंफर्म नहीं हुई। बाद में उसने 13 तारीख की गोल्डन टेंपल एक्सप्रेस में वेटिंग टिकट ली जो बाद में कंफर्म हो गई और वह अकेला निजामुद्दीन के लिए निकला। ट्रेन जब कोटा पहुंची तो उसे गिरफ्तार किया गया। उसके पास कोई विस्फोटक या हथियार नहीं मिला। उन्होंने बताया कि केंद्रीय एजेंसियों से मिली जानकारी के आधार पर दिल्ली पुलिस ने कार्रवाई की है। महाराष्ट्र एटीएस की टीम दिल्ली जा रही है और जान मोहम्मद से पूछताछ की जाएगी। साथ ही उसके बारे में हमारे पास जो जानकारी है उसे दिल्ली पुलिस के साथ साझा किया जाएगा। मामले में दिल्ली पुलिस द्वारा दर्ज एफआईआर का अध्ययन किया जाएगा।
दाऊद के भाई अनीस के संपर्क में था
जान मोहम्मद भगोड़े माफिया सरगना दाऊद इब्राहिम के भाई अनीस इब्राहिम के संपर्क में था। वह डी कंपनी के लिए कोआर्डिनेटर के तौर पर काम करता था। अग्रवाल ने बताया कि जान मोहम्मद के खिलाफ 20 साल पहले मुंबई के पायधुनी पुलिस स्टेशन में गोलीबारी और तोड़फोड़ के आरोप में एफआईआर दर्ज की गई थी। दोनों वारदात उसने विदेश में बैठे अपने आकाओं के इशारे पर अंजाम दी थी।
एटीएस की नाकामी नहीं
विनीत अग्रवाल ने मामले में महाराष्ट्र एटीएस की नाकामी के आरोपों को गलत बताया उन्होंने कहा कि एटीएस एक हजार से ज्यादा संदिग्धों की निगरानी कर रही है। जान मोहम्मद भी उनमें से एक था। उसने कोई वारदात अंजाम नहीं दी है। उसके खिलाफ 2010 में बिजली चोरी का मामला दर्ज किया गया था। कुछ और शिकायतों पर एनसी हुई थी लेकिन आतंकी गतिविधियों से जुड़ा कोई मामला नहीं था। उन्होंने कहा कि अभी तक मुंबई में कोई रेकी नहीं हुई है। आरोपी रेकी की तैयारी कर रहे थे। उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र में कोई हथियार या विस्फोटक नहीं आया है। संदिग्धों की सारी गतिविधियां दिल्ली में चल रहीं थीं।
आर्थिक तंगी से जूझ रहा था जान मोहम्मद
संदिग्ध आरोपी जान मोहम्मद आर्थिक तंगी से जूझ रहा था। उसने कर्ज लेकर टैक्सी ली थी लेकिन किश्त न चुका पाने के चलते बैंक ने उसकी टैक्सी जब्त कर ली। इसके बाद उसने किश्त पर मोटर साइकल ली थी और वह दूसरे की गाड़ियां चलाता था उसे भांग के नशे की लत भी थी।
Created On :   15 Sept 2021 7:36 PM IST