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परिचारक का निलंबन वापस - सैनिकों की पत्नियों को लेकर की थी अभद्र टिप्पणी

डिजिटल डेस्क, मुंबई। सैनिकों की पत्नियों को लेकर विवादित बयान देने वाले विधान परिषद के भाजपा समर्थित सदस्य प्रशांत परिचारक को सदन में आने की अनुमति दे दी गई है। गुरुवार को सदन में सभापति रामराजे नाईक-निंबालकर ने यह घोषणा की। इस दौरान परिचारक का जमकर विरोध करने वाली शिवसेना चुप रही। जबकि सदन में कांग्रेस के विधायक दल के नेता शरद रणपीसे ने विरोध जताया।
सभापति की घोषणा के बाद परिचारक लगभग दो साल बाद अब सदन के कामकाज में हिस्सा ले सकेंगे। सभापति ने कहा कि सदन के शिवसेना सदस्य अनिल परब ने परिचारक को बर्खास्त करने का प्रस्ताव रखा था। पर इस प्रस्ताव को नामंजूर कर दिया गया है। परिचारक ने मेरे पास फिर से माफीनामा दिया है। उन्होंने महाराष्ट्र के सभी सैनिकों और उनके परिवारों से माफी मांगी है। इसका विचार करते हुए मैंने परिचारक को दोबारा सदन में बैठने की अनुमति दी है।
इसके बाद कांग्रेस सदस्य रणपीसे ने कहा कि हम इस फैसले पर कड़ा विरोध जताते हैं। इससे पहले 9 मार्च 2017 को परिचारक को डेढ़ साल के लिए सदन से निलंबत कर दिया गया था। बाद में 28 फरवरी 2018 को परिचारक का निलंबन वापस ले लिया गया। इसके बाद शिवसेना के सदस्य अनिल परब ने परिचारक को बर्खास्त करने का प्रस्ताव पेश किया था। इसके बाद से परिचारक के सदन में आने पर रोक कायम थी।
Created On :   20 Jun 2019 10:06 PM IST