- Home
- /
- राज्य
- /
- मध्य प्रदेश
- /
- शहडोल
- /
- हादसों की फोटो क्लिक होते ही मदद को...
हादसों की फोटो क्लिक होते ही मदद को तैयार होगा सिस्टम
दुर्घटनाओं का कारण जान उनमें कमी लाने लांच हुआ ऐप, पहले चरण में पुलिस कर्मियों को प्रशिक्षण
डिजिटल डेस्क शहडोल । हाइवे सहित अन्य प्रमुख स्थानों पर होने वाले सड़क हादसों में आहतों को न केवल तुरंत मदद पहुंचेगी बल्कि उपचार के लिए पूरा अमला घायलों के अस्पताल पहुंचने के पूर्व अलर्ट हो जाएगा। सड़क भूतल परिवहन मंत्रालय द्वारा इंटीग्रेटेड रोड एक्सीडेंट डाटाबेस आईआरएडी तैयार किया गया है, जिससे सड़क हादसों की वजहों का पता लगाया जाकर उनमें कमी लाने के प्रयास किए जाएंगे। इस प्रोजेक्ट में मध्यप्रदेश के शहडोल सहित 11 जिलों को शामिल किया गया है। प्रोजेक्ट से जुड़े पुलिस तथा अन्य विभाग के अधिकारियों को कलेक्ट्रेट के एनआईसी केंद्र तथा ई दक्ष केंद्र में प्रशिक्षण दिया गया। प्रशिक्षण जिले के लिए सूचना विज्ञान अधिकारी विवेक महावर तथा रोल आउट मैनेजर ओम जायसवाल ने दिया। जिला सूचना विज्ञान अधिकारी विवेक महावर ने जानकारी दी है कि इस प्रोजेक्ट का संचालन मोबाइल ऐप के माध्यम से होगा। आईआरएडी मोबाइल ऐप को वाहन सरवर के साथ जोड़ा गया है। इसमें सभी वाहनों की पूरी जानकारी पहले से दर्ज रहेगी। इसे सारथी सरवर से जोड़ा जा रहा है, जिसमें सभी ड्राइवरों का डेटाबेस प्राप्त हो जाएगा।
ऐप से जुड़ेंगे कई विभाग
जिला सूचना विज्ञान अधिकारी ने बताया कि आईआरएडी ऐप के माध्यम से प्राप्त डाटा का विश्लेषण आईटीआई मद्रास की टीम द्वारा किया जाएगा। टीम द्वारा दुर्घटना को रोकने के संबंध में सुधारात्मक उपाय बताए जाएंगे। इस ऐप को शीघ्र ही पुलिस परिवहन तथा नेशनल हाईवे विभाग के अधिकारियों तथा कर्मचारियों को उपलब्ध कराया जाएगा। उनके माध्यम से सड़क दुर्घटना के संबंध में डेटा एकत्र किया जाएगा। प्रोजेक्ट में कुल लागत 258 करोड रुपए है। इसे विश्व बैंक की सहायता से लागू किया जा रहा है।
ऐसे होगा ऐप का उपयोग
विवेक महावर ने बताया कि इस ऐप को पुलिसकर्मी दुर्घटना स्थल पर जाकर उसकी लाइफ फोटो तथा वीडियो के साथ विवरण दर्ज करेंगे। इससे प्रत्येक दुर्घटना की एक आईडी बन जाएगी। ऐप के माध्यम से पुलिस परिवहन, राजस्व तथा आपात सहायता एवं उपचार सहायता देने वाले विभागों तथा एजेंसियों के पास दुर्घटना की तत्काल सूचना पहुंच जाएगी। जिससे दुर्घटना के लिए तत्काल राहत और बचाव कार्य किया जा सकेगा। इस ऐप के माध्यम से दर्ज विवरण के आधार पर दुर्घटना से जुड़े बीमा प्रकरणों एवं उनियाल इन प्रकरणों में भी सहायता मिलेगी।
Created On :   26 Feb 2021 6:26 PM IST