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तब्लीगी जमात के कट्टरपंथियों ने की थी फार्मासिस्ट की हत्या- चार्जशीट दाखिल
डिजिटल डेस्क, मुंबई. महाराष्ट्र के अमरावती में फार्मासिस्ट उमेश कोल्हे की हत्या में तब्लीगी जमात के कट्टरपंथी शामिल होने का खुलासा हुआ है। यह दावा एनआईए ने शुक्रवार काे कोर्ट में दाखिल चार्जशीट में किया। इसमें कहा गया है कि पैगंबर मोहम्मद साहब के कथित अपमान का बदला लेने के लिए सोची-समझी साजिश के तहत उमेश की हत्या की गई। तब्लीगी आतंकियों ने उसका गला काटा था ताकि लोगों के मन में डर पैदा किया जा सके। चार्जशीट में कहा गया कि इस हत्याकांड से अमरावती ही नहीं, पूरे देश में शांति भंग हुई। कई इलाकों में दंगे हुए। दंगों के बाद लोगों को नौकरी छोड़ने के लिए धमकाया गया। अपनी सुरक्षा की खातिर कई लोग घरों में छिपे रहे। एनआईए ने कहा, ऐसी आतंकी कार्रवाई ने देश की अखंडता पर सवाल उठाया है। जांच एजेंसी ने शुक्रवार को विशेष काेर्ट में 11 आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दायर की। इन सभी को गिरफ्तार किया जा चुका है। इंटरनेशनल देवबंदी इस्लामिक मिशनरी तब्लीगी जमात इस्लामिक मान्यता–ं के सख्ती से पालन पर जोर देता है। अमरावती के उमेश कोल्हे (54) की 21 जून को काम से लौटते समय हत्या कर दी गई थी। हमलावर भाजपा प्रवक्ता रहीं नूपुर शर्मा के समर्थन में उमेश की वाट्सएप पोस्ट से नाराज थे। नूपुर ने टीवी शो में विवादित टिप्पणी की थी।
एनआईए ने आरोपपत्र में किया दावा
कोल्हे की हत्या से आरोपी एक मिसाल बनाना चाहते थे। पिछले दिनों राष्ट्रीय जांच एजेंसी(एनआईए) की ओर से मुंबई की विशेष अदालत में दायर किए गए आरोप पत्र में यह दावा किया गया है। 16 दिसंबर को एनआईए ने इस मामले को लेकर 11 आरोपियों के खिलाफ आरोपपत्र दायर किया था। भारतीय जनता पार्टी की निलंबित प्रवक्ता नुपूर शर्मा के पोस्ट का समर्थन करने के चलते 21 जून 2022 को 54 वर्षीय कोल्हे की हत्या करने की बात का खुलासा हुआ था। एनआईए के मुताबिक कोल्हे की मौत की हत्या के बाद महाराष्ट्र व राजस्थान के कई इलाकों में सांप्रदायिक टकराव की कई घटनाए घटी थी। मामले से जुड़े आरोपियों का उद्देश्य लोगों के मन में दहशत पैदा करना था। कोल्हे की हत्या से जुड़े मामले के आरोपी तबलीगी जमात से जुड़े थे। आरोपियों ने कोल्हे की इसलिए हत्या की थी क्योंकि कोल्हे ने कथित रुप से धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचायी थी। आरोपपत्र में एनआईए ने दावा किया है कि कोल्हे कानून का पालन करनेवाले नागरिक थे। अतीत में उनके नाम किसी भी विवाद से नहीं जुड़ा था। कोल्हे ने एक स्वतंत्र देश में सिर्फ अपने बोलने की स्वतंत्रता के अधिकार का इस्तेमाल किया था। जिसके तहत कोल्हे ने ह्वाट्स एप पर भारतीय जनता पार्टी की निलंबित पदाधिकारी के बयान का समर्थन किया था। आरोपपत्र के मुताबिक कोल्हे की हत्या कोई साधारण हत्या नहीं थी यह कट्टरपंथियों के गिरोह द्वारा अंजाम दिया गया आतंकी कृत्य था। जो कोल्हे की हत्या के जरिए एक उदाहरण सामने पेश करना चाहते थे। जिस बर्बर तरीके से आरोपियों ने कोल्हे की हत्या की है उसका उद्देश्य समाज के एक बड़े वर्ग में दहशत पैदा करना था। एनआईए ने दावा किया है कि कोल्हे की हत्या के बाद अमरावती के तीन और निवासियों को धमकाया गया था। एनआईओ ने इस मामले को लेकर जिन 11 आरोपियों के खिलाफ आरोपपत्र दायर किया है उनके नाम इरफान खान, मुदस्सर अहमद, शहरुख पठान, अब्दुल तौफीक, शोएब खान, आतिब रशीद ,शहीम अहमद, यूसुफ खान, फिरोज खान, शकील शेख व मुस्फीक अहमद है। शुरुआत में अमरावती पुलिस ने इस मामले की जांच की थी। बाद में इस मामले की जांच को राष्ट्रीय जांच एजेंसी को सौप दिया गया था।
Created On :   20 Dec 2022 7:23 PM IST