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पल भर में दूर हुए गिले-शिकवे, एक साथ घर लौटे दंपत्ति

डिजिटल डेस्क शहडोल । नेशनल लोक अदालत उन 46 दंपत्तियों के लिए खुशी लेकर आई, जो वर्षों से अलग-अलग रहते आ रहे थे। न्यायाधीशों की समझाइश के बाद एक साथ रहने का संकल्प लेकर गए। लोक अदालत में हिंदू विवाह अधिनियम के तहत अनुराग व उसकी पत्नी पूजा मिश्रा का मामला भी था, जो आपसी मनमुटाव के चलते शादी के एक साल बाद वर्ष 2017 में अलग हो गए थे। पत्नी ने भरण पोषण का दावा किया। शनिवार को लोक अदालत में खण्डपीठ की पीठासीन अधिकारी सुश्री रेनु खान के विशेष प्रयास से दंपत्ति को उनके भविष्य को लेकर चर्चा की गई। उनके द्वारा दी गई सलाह से पति पत्नी का विवाद खत्म हो गया और वे साथ-साथ रहने के का संकल्प लेकर घर चले गए। लोक अदालत में न्यायालय में लंबित 2052 प्रकरण रखे गये, जिसमें से 335 प्रकरण निराकृत हुए तथा 19477045 रूपये की अवार्ड राशि पारित हुई। न्याय सबके लिए, की अवधारणा को लेकर जिला एवं सत्र न्यायाधीश आर.के. सिंह के निर्देशन में नेशनल लोक अदालत का आयोजन किया गया। 23 खण्डपीठों का गठन किया गया था।
इतने प्रकरण निराकृत
लोक अदालत में जिला न्यायालय शहडोल के अंतर्गत मोटर दुर्घटना दावा के 144 प्रकरणों में 9539200 रूपये का अवार्ड पारित किया गया। धारा 138 के अंतर्गत निराकृत 60 प्रकरणों में 7613950 रूपये की राशि के अवार्ड पारित किए गए। न्यायालय में लंबित आपराधिक समनीय 27 का निराकरण राजीनामा के आधार पर हुआ। प्रीलिटिगेशन स्तर पर बैंक रिकवरी के 341 निराकृत प्रकरण में 3219964 रूपये की राशि बैंको में जमा हुई। बिजली के पूर्ववाद 81 प्रकरणों का निराकरण हुआ तथा 543965 रूपये की वसूली की गई। नगरपालिका के जलकर के 330 प्रकरण में 533505 व संपत्तिकर एवं बीएसएनएल के 135 प्रकरण निराकृत हुए 513975 रूपये की वसूली की गई। निराकृत प्रकरणों में पक्षकारों को औषधीय एवं फलदार पौधों का वितरण किया गया।
इनकी रही मौजूदगी
नेशनल लोक अदालत का शुभारंभ जिला एवं सत्र न्यायाधीश आरके सिंह द्वारा मां सरस्वती के छायाचित्र पर माल्यार्पण एवं दीप प्रज्जवलन कर किया गया। इस अवसर पर कुटुम्ब न्यायालय के प्रधान न्यायाधीश डॉ. रमेश साहू, विशेष न्यायाधीश सभापति यादव, प्रथम अति. जिला न्यायाधीश एवं समन्वयक लोक अदालत अविनाश चंद्र तिवारी, द्वितीय अति. जिला न्यायाधीश अनुज कुमार मित्तल, तृतीय अति. जिला न्यायाधीश के.के. मिश्रा, मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट जे.एन. सिंह, न्यायिक दण्डाधिकारी विवेक सिंह, न्यायिक दण्डाधिकारी सतीश शर्मा, न्यायिक दण्डाधिकारी सुश्री रेनु खान, न्यायिक दण्डाधिकारी सुश्री ज्योति मेरावी, प्रशिक्षु न्यायाधीश राजकुमार तोरनिया, सुश्री साक्षी प्रसाद, सुश्री प्रीति प्रसाद एवं संजीव रहांगडाले, जिला विधिक सहायता अधिकारी बीडी दीक्षित, जिविसेप्रा के कर्मचारीगण पैनल अधिवक्ता एवं पैरालीगल वालेंटियर उपस्थित रहे।
Created On :   16 Dec 2019 2:47 PM IST