वंशिका के नाम है लोढ़ी की रेत खदान, लीज एरिया के अंदर से जब्त हुई पोकलेन मशीन

The familys name is Lodhis sand quarry, a pokelen machine seized from inside the lease area
वंशिका के नाम है लोढ़ी की रेत खदान, लीज एरिया के अंदर से जब्त हुई पोकलेन मशीन
वंशिका के नाम है लोढ़ी की रेत खदान, लीज एरिया के अंदर से जब्त हुई पोकलेन मशीन

कलेक्टर को मिली शिकायत के बाद देर रात खनिज विभाग की कार्रवाई
डिजिटल डेस्क शहडोल ।
वंशिका कंस्ट्रक्शन को आवंटित ग्राम लोढ़ी की रेत खदान में प्रतिबंध अवधि में चूंदी नदी से मशीनों के जरिए रेत का अवैध उत्खनन किए जाने का मामला सामने आया है। कलेक्टर के निर्देश पर खनिज विभाग की टीम ने रविवार रात ग्राम लोढ़ी स्थित चूंदी नदी से एक पोकलेन मशीन जब्त की है। जहां से मशीन जब्त की गई है, वह स्थान वंशिका को आवंटित खदान की लीज का हिस्सा है। इस कार्रवाई के बाद यह तस्वीर लगभग साफ हो गई है कि जिले की रेत खदानों के समूह का ठेका लेने वाली वंशिका कंस्ट्रक्शन द्वारा ही प्रतिबंध अवंधि में नदी से रेत का उत्खनन करते हुए एनजीटी सहित शासन के आदेश का उल्लंघन किया जा रहा है।
कलेक्टर को मिली थी सूचना
रविवार रात ग्राम लोढ़ी में चूंदी नदी से मशीन से रेत के उत्खनन की शिकायत कलेक्टर को मिली थी। कलेक्टर के निर्देश पर खनिज विभाग की टीम रात करीब साढ़े 12 बजे मौके पर पहुंची और नदी से एक पोकलेन जब्त की। मशीन लीज एरिया के अंदर से जब्त हुई लेकिन खनिज विभाग इस बात को छिपा रहा है और यह प्रचारित कर रहा है कि नदी के पास से मशीन जब्त की गई है। जब्त पोकलेन भी वहीं नदी के पास छोड़ कर टीम वापस आ गई। भुरसी की तरह ग्राम लोढ़ी में भी मौके पर छोड़ दी गई पोकलेन के दोबारा नदी में उतार दिए जाने के संशय पर सब खामोश हैं।
खनिज विभाग ने फिर झाड़े हाथ
रविवार रात हुई कार्रवाई में पोकलेन लीज एरिया के अंदर से जब्त होने के बावजूद खनिज अधिकारियों ने यह कहते हुए अभी कुछ भी टिप्पणी करने से इंकार कर दिया कि रेत का खनन करने वाले और पोकलेन मशीन के स्वामी के संबंध में विभाग के पास अभी कोई पुख्ता जानकारी नहीं है। करीब एक सप्ताह पहले भी भटिगवां में चूंदी नदी के दलदल में फंसी जब्त की गई पोकलेन के मामले में भी खनिज अधिकारी की खामोशी नहीं टूटी है। न ही भटिगवां से जब्त रेत से भरे वाहनों की टीपी की असलियत सामने आ पाई है।
धर, एमपी पीसीबी ने भी खड़े किए हाथ
नदियों से रेत के उत्खनन का यह तीसरा मामला सामने आया है। लेकिन न तो खनिज विभाग ने ईपी एक्ट के तहत कार्रवाई के लिए प्रकरण मप्र प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ;एमपीपीसीबीद्ध को भेजे और न ही बोर्ड के क्षेत्रीय अधिकारी ने रेत खदानों में एनजीटी के निर्देशों और पर्यावरणीय नियमों की अवहेलना पर कार्रवाई की पहल की। एमपीपीसीबी के क्षेत्रीय अधिकारी संजीव मेहरा ने यह कहते हुए कार्रवाई से हाथ खड़े कर दिए कि अवैध उत्खनन के मामले में कार्रवाई के अधिकार खनिज विभाग के पास हैं। वे वाहन जब्त कर सकते हैंए पैनाल्टी लगा सकते हैं लेकिन बोर्ड के पास ऐसे कोई पॉवर नहीं हैं। जब उनसे पर्यावरणीय उल्लंघन के संबंध में पूछा तो उन्होंने कहा कि पहले खनिज विभाग इसकी पुष्टि तो करे। पहले खनिज विभाग सिद्ध करे कि रेत के उत्खनन में पर्यावरणीय नियमों का उल्लंघन हुआ फिर हम कार्रवाई करेंगे। प्रतिबंध के बाद भी नदियों से हो रहे रेत के उत्खनन के सवाल पर उन्होंने स्टाफ की कमी का हवाला देते हुए कहा कि हमारे पास पांच जिले हैं और तीन अधिकारी तथा एक वाहन है। इतने कम संसाधन में रेत खदानों की जांच करना संभव नहीं है।

Created On :   28 July 2020 6:27 PM IST

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