8 दिनों में कोरोना प्रोटोकाल में हुई 130 की अंत्येष्टि - प्रशासन ने बताया 7 , आंकड़ों की गफलत का खेल 

The funeral of 130 in the Corona Protocol in 8 days - Administration told 7, the game of statistics fiasco
8 दिनों में कोरोना प्रोटोकाल में हुई 130 की अंत्येष्टि - प्रशासन ने बताया 7 , आंकड़ों की गफलत का खेल 
8 दिनों में कोरोना प्रोटोकाल में हुई 130 की अंत्येष्टि - प्रशासन ने बताया 7 , आंकड़ों की गफलत का खेल 

डिजिटल डेस्क छिंदवाड़ा । कोरोना संक्रमण ने जिले में हालात बदतर कर दिए हैं। रोजाना जिस तेजी से संक्रमित मरीजों की संख्या सामने आ रही है। उतनी ही बड़ी संख्या में कोविड प्रोटोकाल के तहत मरीजों का अंतिम संस्कार किया जा रहा है। परासिया रोड स्थित मोक्षधाम में हालात ये हैं कि रोजाना दर्जनों शव जलाए जा रहे हैं, लेकिन प्रशासन मानने के लिए तैयार नहीं है कि कोविड संक्रमण के चलते मरीजों की मौत हो रही है। प्रशासन के आंकड़ों की बाजीगरी का खेल आज भी जारी है। अप्रैल माह में ही कोविड संक्रमित मरीजों की संख्या में बेतहाशा बढ़ोतरी हुई है। वहीं मौतों का आंकड़ा भी लगातार बढ़ रहा है। 1 से 8 अप्रैल तक प्रशासन के अंाकड़ों में अभी तक कोविड संक्रमित सिर्फ 7 लोगों की ही मौत हुई है। जबकि सिर्फ छिंदवाड़ा में कोविड गाइडलाइन के मुताबिक 130 लोगों का अंतिम संस्कार किया जा चुका है। वहीं इन आठ दिनों में 466 कोविड पॉजिटिव मरीज सामने आए हैं। आंकड़े छिपा रहे अधिकारियों का इन मामलों में अपना ही तर्क है वे कह रहे हैं कि जिन मरीजों की मौत अलग-अलग बीमारियों से हुई है। उनका भी अंतिम संस्कार कोविड गाइडलाइन के मुताबिक किया जा रहा है। ताकि आम लोगों में संक्रमण न फैले।
शहर से ज्यादा गांव में हालात खराब
कोरोना संक्रमण की रफ्तार पिछले 15 दिनों में तेजी से फैली है। शहर से ज्यादा गांव में हालात खराब हैं। खासकर संतरांचल में ऐसा कोई गांव नहीं है, जहां संक्रमित मरीज सामने न आ रहे हों, लेकिन यहां जानकारी के अभाव में मरीज डॉक्टरों के पास जाने की बजाय खुद ही इलाज कर रहे हैं। संक्रमण फैलने से मौत हो रही है और इनका अंतिम संस्कार भी कर दिया जा रहा है।
इन सवालों का जवाब नहीं....
* प्रशासन का मानना है कि अन्य बीमारियों से जिन मरीजों की मौत हो रही उनका भी कोविड गाइडलाइन के तहत अंतिम संस्कार किया जा रहा है, जबकि सवाल ये उठता है कि जब मृतक में संक्रमण हुआ नहीं है तो परिजनों को बॉडी क्यों नहीं दी जा रही।
* जिला मुख्यालय में जिन मरीजों की मौत हो रही है, उनके भी इक्का दुक्का आंकड़े सामने लाए जा रहे हैं, जबकि लिंगा से लेकर सौंसर, पांढ़ुर्ना, मोहखेड़ के अलावा अन्य क्षेत्रों में भी संक्रमित मरीज दम तोड़ रहे हैं।
 

Created On :   9 April 2021 12:17 PM GMT

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