अब बाधित नहीं होगा रेलवे का मुख्य ट्रेक, शहडोल में बनाया गया रिमोटली ऑपरेटेड सिस्टम

The main track of the railway will not be interrupted now, remote controlled system built in Shahdol
अब बाधित नहीं होगा रेलवे का मुख्य ट्रेक, शहडोल में बनाया गया रिमोटली ऑपरेटेड सिस्टम
अब बाधित नहीं होगा रेलवे का मुख्य ट्रेक, शहडोल में बनाया गया रिमोटली ऑपरेटेड सिस्टम

डिजिटल डेस्क, शहडोल। मध्य प्रदेश के शहडोल रेलवे के तकनीकी अमले ने एक ऐसी तकनीक इजाद की है, जो मप्र ही नहीं, भारत की पहली रिमोटली ऑपरेटेड प्रणाली है। रेलवे सायडिंग में आए फाल्ट को सुधारने की प्रक्रिया पांच मिनट से कम समय में शुरु कर दी जाएगी। इसका सबसे बड़ा फायदा उन ट्रेनों को होगा, जो सायडिंग में आए फाल्ट की वजह से मेन ट्रैक बाधित हो जाता था, लेकिन इस प्रणाली के विकसित होने के बाद न केवल समय की बचत होगी, बल्कि अन्य गाड़ियों का संचालन प्रभावित नहीं होगा।

इस प्रणाली को रिमोटली ऑपरेटेड इन्ट्रापर विथ जीएसएम कंट्रोल सिस्टम नाम दिया गया है, जो पूर्ण रूप से कम्प्यूटर और रजिस्टर्ड मोबाइल से संचालित किया जा सकेगा। इसका निर्माण टीआरडी डिपार्टमेंट द्वारा किया गया है। रेलवे के वरिष्ठ मण्डल विद्युत अभियंता डीके सोनवानी ने बताया कि यह भारत की पहली प्रणाली है, जो समय की बचत के साथ सायडिंग में आए फाल्ट को कम से समय में सुधारा जा सकेगा। शहडोल में इस सिस्टम से काम शुरु भी हो चुका है।

सिस्टम तैयार होने में 80 हजार खर्च
प्रणाली बनाने वाले अधिकारियों ने बताया कि वैसे तो इस पूरे सिस्टम को बनाने के लिए 80 लाख से एक करोड़ तक की लागत आती है, लेकिन यहां इस पर अधिकतम 80 हजार रुपए की लागत ही आई है। क्योंकि इसमें ऐसे मटैरियम और सामग्रियों का उपयोग किया गया है, जो बेकार हो चुके थे। कुल मिलाकर वेस्टेज से यह प्रणाली तैयार हो गई।

महाप्रबंधक ने की औपचारिक शुरुआत
वार्षिक निरीक्षण पर पहुंचे बिलासपुर मण्डल के महाप्रबधंक सुनील सिंह सोइन ने शनिवार को इस प्रणाली का औपचारिक शुभारंभ किया। महाप्रबंधक को बताया गया कि यह भारत की पहली प्रणाली है। उन्होंने इसके निर्माणकर्ताओं की सराहना करते हुए टीम को 20 हजार रुपए बतौर पुरस्कार देने की घोषणा की तथा कहा कि इस प्रणाली को मण्डल के और स्थानों पर शुरु कराई जाएगी।

इस प्रकार होगा सिस्टम का उपयोग
सिस्टम के उपयोग के बारे में अधिकारियों ने बताया कि सायडिंग के ओएचई में किन्हीं कारणोंवश फाल्ट आने के बाद सुधारने के लिए सबसे पहले मेन लाइन को बंद कराना पड़ता है। वह मेन स्विच मैन्युअल तरीके से बंद करना पड़ता था। इसके लिए कर्मचारियों को स्टेशन मास्टर के पास जाना पड़ता है और बंद करने की इस प्रक्रिया में कम से कम आधे घंटे का समय लगता है। नई प्रणाली के इजाद होने के बाद इसे रिमोट से ऑपरेट किया सकेगा। इसका एक कंट्रोल स्टेशन मास्टर तथा दूसरा बिलासपुर स्थित मेन कार्यालय में रखा गया है। अब मुश्किल से पांच मिनट में मेन लाइन बंद हो जाएगी। इस सिस्टम का सबसे बड़ा फायदा यह होगा कि केवल सायडिंग की ही सप्लाई बंद होगी, बाकी मेन लाइनों पर ट्रेनों का आवागमन जारी रखा जा सकेगा।

Created On :   12 Jan 2019 3:58 PM GMT

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