आदिवासी बेटी का विवाह पूर्व प्राचार्य और उनके चिकित्सक पुत्र ने कराया सम्पन्न

The marriage of tribal daughter was done by the former principal and his doctor son
आदिवासी बेटी का विवाह पूर्व प्राचार्य और उनके चिकित्सक पुत्र ने कराया सम्पन्न
पन्ना आदिवासी बेटी का विवाह पूर्व प्राचार्य और उनके चिकित्सक पुत्र ने कराया सम्पन्न

डिजिटल डेस्क, पन्ना। जिले के सुदूर ग्राम महुआडांडा जो अमानगंज से कुछ दूरी पर स्थित है। यहां गुठालु आदिवासी और अम्मी आदिवासी की आठवीं संतान रश्मि उर्फ सीता का विवाह छतरपुर मुख्यालय से 40 किमी दूर गुलगंज के पास पिपरिया गाँव के मोहन सिंह राजगौड के बेटे के साथ सम्पन्न हुआ। बेटी रश्मि उर्फ  सीता कुछ वर्षों से हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ. शैलेन्द्र भदौरिया के दिल्ली स्थित निवास में उनके बच्चे की देखभाल करती थी। गुठालु का परिवार मजदूरी करके ही अपने परिवार का उदर-पोषण करता है। दस बच्चों का परिवार पालना इतना आसान भी नही था  अब जब सीता विवाह योग्य हो गई तो पिता गुठालु और उंसके परिवार ने डॉक्टर शैलेन्द्र भदोरिया को बताया तो उन्होंने बिटिया की शादी का बीडा उठाया और शादी में अधिकतम सहयोग करने का वादा किया। अपने भाई योगेन्द्र भदौरिया और पिता आर.एस. भदौरिया सेवानिवृत्त प्राचार्य आर.पी.उत्कृष्ट विद्यालय पन्ना से बात की और परिवार सहर्ष इस विवाह में सहयोग करने तैयार हो गया फिर भदौरिया परिवार जिनका ननिहाल गुलगंज में उनके बडे मामा कृष्ण प्रताप उर्फ  कृष्णा दाऊ ने वर को ढूढना शुरू किया। पिपरिया निवासी मोहन सिंह के छोटे बेटे के साथ विवाह की बातचींत शुरू हुई। औपचारिक रूप से वर-बधू ने एक दूसरे को देखा और रिश्ता पैराडाइस कॉलोनी जहां डॉ. शैलेंद्र भदौरिया का निवास है वहां विवाह की बात तय हो गई। डॉक्टर शैलेन्द्र भदौरिया के बडे भाई योगेंद भदौरिया ने लग्न लेकर जाना तय किया और डॉक्टर भदोरिया और उनके पिता ने शादी में हनुमान जी के भव्य स्थान चोपरिया स्थित सिद्ध स्थान पर टीका बेला चढाव कार्यक्रमों के साथ-साथ  मंत्रोउच्चार और हवन करवाकर विवाह सम्पन्न कराया। यही नहीं विदाई में बिटिया को रोजमर्रा की जरूरतों का सामान भी प्रदान किया गया। शादी सम्पन्न करवाने में गुलगंज के सेंगर परिवार और चोपरिया के पंडित जी का विशेष सहयोग रहा। 


 

Created On :   17 May 2022 5:45 PM IST

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