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डॉग स्क्वॉड के साथ वन विभाग की टीम ने चलाया सर्च ऑपरेशन
डिजिटल डेस्क शहडोल । वन विभाग की टीम ने सुबह डॉग स्क्वॉड को लेकर संवेदनशील स्थानों में सर्च अभियान चलाया। इस सर्च अभियान का उद्देश्य आपराधिक प्रवृत्ति के लोगों में खौफ पैदा करना था ताकि वे वनों और वन्य प्राणियों की सुरक्षा से किसी तरह का खिलवाड़ न कर सकें।
सीधी नेशनल पार्क का डॉग स्क्वॉड शुक्रवार को शहडोल पहुंचा है। सुबह करीब 8 बजे से स्थानीय गांधी चौक शहर इलाके में इसके बाद रेलवे स्टेशन के बाहर और जहां मॉल लोड होता है, वहां सर्चिंग की गई। इसके बाद डॉग स्क्वॉड को विचारपुर प्लांटेशन बीट शाहपुर ले जाया गया। सर्च अभियान करीब साढ़े 10 बजे तक चला। इस दौरान एसडीओ एके दीक्षित, आरओ वीरेंद्र श्रीवास्तव, आरए दिनकर त्रिपाठी साथ रहे। शहडोल रेंज में रविवार और सोमवार को भी डॉग स्क्वॉड के साथ वन अमला अन्य संवेदनशील स्थानों का जायजा लेगा। इनमें मुख्य रूप से बाघ की मूवमेंट वाला नरवार का क्षेत्र, निपरिया का जंगल और कांदादहरा का इलाका शामिल है। दक्षिण वन मंडल शहडोल के हर रेंज में तीन-तीन दिन इस तरह का सर्च अभियान चलाया जाएगा।
इसके बाद जाएगा गोहपारू
डॉग स्क्वॉड तीन दिन तक शहडोल में सर्चिंग के बाद गोहपारू रेंज चला जाएगा। वहां तीन दिनों तक सर्चिंग होगी। इसके बाद जयसिंहनगर, खन्नौधी, केशवाही और बुढ़ार में भी इसी तरह की जांच की जाएगी। इससे पहले करीब 2 माह तक डॉग स्क्वॉड उमरिया वन मंडल में था। वहां बाघों की संख्या ज्यादा और लगातार घटनाएं भी सामने आ रही थीं, इसलिए वहां ज्यादा समय के लिए रखा गया था। वहां पाली रेंज के बेली सर्किल में डॉग स्क्वॉड को रखा गया था।
मूव, स्टॉप, रेस्ट, सर्चिंग
डॉग स्क्वॉड को उसके दो मास्टर कमांड देते हैं। वह उन्हीं की कमांड को सुनता है। अगर उन्होंने कहा कि मूव तो वह तेजी से आगे बढऩे लगता है। वहीं स्टॉप कहते ही रुक जाता है। अगर मास्टर ने कहा कि सर्च तो सर्चिंग शुरू हो जाती है। इसके अलावा मास्टर के रेस्ट कहने पर ही वह आराम करता है। इस दौरान अगर किसी और ने कुछ बोला तो वह तेजी से भौंकता है। सर्चिंग के दौरान वह काफी तेज चलता है। साथ में चलने वाले अधिकारियों को दौड़ लगानी पड़ती है।
Created On :   19 March 2018 2:22 PM IST