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कॉलेजों में शुरू किया जाए नाट्य विभाग,युवाओं तक पहुंचना जरूरी : डॉ. घोंगे
डिजिटल डेस्क, नागपुर। रंगभूमि के भविष्य के लिए सभी को विचार करना चाहिए। रंगभूमि का भविष्य वर्तमान पर ही टिका है। पहले क्या हुआ और आज क्या हो रहा है, उस पर भी विचार किया जाना चाहिए। मराठी रंगभूमि का भविष्य सुनिश्चित करने के लिए हमें आज कुछ करना है। सबसे महत्वपूर्ण है कि, शहर के महाविद्यालयों में नाटक विभाग शुरू किया जाए।
युवाओं तक अगर नाटक पहुंचा तो भविष्य के रंगकर्मी तैयार हो सकते हैं। महाविद्यालयों में नाटक विभाग शुरू करना चाहिए, उसके इन्फ्रास्ट्रक्चर के लिए मेरी तरफ से जो भी मदद होगी, वो करूंगा। साथ ही उसकी लाइब्रेरी कैसी खड़ी करनी है, उसके लिए भी मदद करूंगा। यह बात डॉ. प्रा. पराग घोंगे ने अखिल भारतीय मराठी नाट्य परिषद शाखा की ओर से मराठी रंगभूमि दिन के अवसर पर कही। उन्होंने कहा कि, जिस तरह गायक रोज रियाज करते हैं, नर्तक प्रैक्टिस करते हैं, उसी तरह रंगकर्मियों को भी डेली अभ्यास करना आवश्यक है।
कार्यक्रम का आयोजन नंदनवन स्थित महिला महाविद्यालय में किया गया। मंच पर पूर्व महापौर शेखर सावरबांधे, स्थायी समिति सभापति मनपा प्रदीप पोहाणे, डॉ. प्रा. पराग घोंगे, अ.भा. मराठी नाट्य परिषद नागपुर शाखा के अध्यक्ष प्रफुल्ल फरकसे, प्रमोद भुसारी, प्रा. संयुक्ता थाेरात, श्रद्धा तेलंग, अ.भा. मराठी नाट्य परिषद के उपाध्यक्ष नरेश गडेकर उपस्थित थे। कार्यक्रम अध्यक्ष प्रदीप पोहाणे ने सभी को मराठी रंगभूमि दिन की बधाई दी। साथ ही मराठी रंगभूमि के इतिहास पर प्रकाश डाला। इस अवसर पर शंातनु ठेंगडी, काजल राऊत (अकोला), प्रवीण प्रभाकर (अमरावती) का शॉल-श्रीफल, मानपत्र, स्मृतिचिह्न और पुष्पगुच्छ देकर सत्कार किया गया।
रसिक है, तो रंगभूमि है
प्रो. संयुक्ता थाेरात ने मनोगत व्यक्त करते हुए कहा कि, रसिक है, तो रंगभूमि है। उन्होंने कहा कि, आज विदर्भ की रंगभूमि जिन उंचाइयों को छू रही है उसके लिए वरिष्ठ नाट्य समीक्षक महेश एलकुंचवार का बहुत बड़ा योगदान है। उन्होंने झाड़ी पट्टी नाटक, बाल गंधर्व के बारे में भी जानकारी दी। पूर्व महापौर शेखर सावरबांधे ने सत्कार मूर्तियों को उनके उज्ज्वल भविष्य के लिए शुभकामनाएं दीं एवं मराठी रंगभूमि दिन सभी को बधाई दी। कार्यक्रम का संचालन रवींद्र भुसारी तथा आभार प्रदर्शन नरेश गडेकर ने किया।
Created On :   6 Nov 2019 3:27 PM IST