महाराष्ट्र टूरिज्म कार्पोरेशन की लिस्ट से दूर ‘बुलंद इंजन’

there is no name of Buland Engine in maharashtra tourism corporation list
महाराष्ट्र टूरिज्म कार्पोरेशन की लिस्ट से दूर ‘बुलंद इंजन’
महाराष्ट्र टूरिज्म कार्पोरेशन की लिस्ट से दूर ‘बुलंद इंजन’

डिजिटल डेस्क, नागपुर।  उपराजधानी आने वाले पर्यटकों को वैसे तो पावन दीक्षाभूमि, सीताबर्डी का लाल किला, रमण विज्ञान केन्द्र, जीरो माइल्स को लेकर उत्सुकता रहती है इन सब के साथ पर्यटकों को लुभाने वाले ‘बुलंद इंजन’ को लेकर किए जा रहे प्रयास विफल हो गए हैं।  महाराष्ट्र टूरिज्म कार्पोरेशन की लिस्ट में अभी भी शामिल नहीं हो सका है। बता दें कि महाराष्ट्र पर्यटन महामंडल के अधिकारियों ने रेलवे स्टेशन पर स्थापित बुलंद इंजन को पर्यटन स्थलों की सूची में शामिल करने के लिए 2 वर्ष पहले सकारात्मक रवैया दिखाया था, लेकिन अब तक इसे सूची में शामिल नहीं किया गया है। रेलवे के जिन अधिकारियों पर इसकी जिम्मेदारी थी, वे बदल गए। कई बड़े अधिकारियों का तबादला हो गया। इससे बुलंद इंजन सूची में शामिल नहीं हो पाया। इस संबंध में मध्य रेलवे नागपुर मंडल के जनसंपर्क विभाग की महाराष्ट्र पर्यटन विकास महामंडल के अधिकारी के साथ काफी समय पूर्व चर्चा भी हुई थी। जनसंपर्क अधिकारी द्वारा इस मामले में पहल नहीं करने के कारण कार्रवाई ठंडे बस्ते में दिखाई दे रही है।
क्या होनेवाला था
एमटीडीसी के नागपुर पर्यटन स्थल सूची के ब्रोशर में स्टेशन पर स्थापित बुलंद इंजन का नाम व फोटो देखा जा सकता था। जिसके बाद विदेशों से आनेवाले पर्यटकों को नागपुर में पर्यटन स्थल की सूची में पावन दीक्षाभूमि, सीताबर्डी का लाल किला, रमण विज्ञान केन्द्र, जीरो माइल्स आदि के नाम के साथ स्टेशन पर स्थापित बुलंद इंजन भी देखने को मिलता।
क्या है बुलंद इंजन
नागपुर रेलवे स्टेशन को इतिहास से जोड़ने के उद्देश्य से 21 अगस्त 2012 को मध्य रेलवे के तत्कालीन रेल महाप्रबंधक सुबोध जैन द्वारा 1986 तक चलने वाले भाप वाले इंजन की स्थापना रेलवे स्टेशन परिसर में की गई थी। परिसर में एक प्लेटफार्म बनाकर इस बुलंद इंजन को स्थापित किया गया है, ताकि आने-जाने वाले यात्री रेलवे के इतिहास से परिचित हो सकें। यह इंजन इंग्लैंड की एक कंपनी द्वारा निर्मित किया है। 

Created On :   6 Jan 2018 11:14 AM GMT

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