राम मंदिर के मुहूर्त को लेकर विवाद खड़ा करने का कोई अर्थ नहीं - विश्वेश्वरानंद महाराज

There is no point in raising a dispute about the Muhurta of Ram temple - Vishweshwaranand Maharaj
राम मंदिर के मुहूर्त को लेकर विवाद खड़ा करने का कोई अर्थ नहीं - विश्वेश्वरानंद महाराज
राम मंदिर के मुहूर्त को लेकर विवाद खड़ा करने का कोई अर्थ नहीं - विश्वेश्वरानंद महाराज

डिजिटल डेस्क, मुंबई। अयोध्या में बन रहे राम मंदिर के मुहूर्त को लेकर कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह द्व्रारा विवाद का कोई मतलब नहीं है। ज्योतिष के प्रकांड विद्वान काशी के द्रविण शास्त्री ने यह मुहुर्त निकाला था। शुभ कार्य के लिए मुहूर्त की आवश्यकता नहीं होती। यह जितनी जल्द हो जाए अच्छा है। यह बात महामंडलेश्वर आचार्य श्री स्वामी विश्वेश्वरानंद गिरी जी महाराज ने कही। भूमिपूजन के लिए आमंत्रित गिनेचुने लोगों में से एक गिरी महाराज ने कहा कि राम मंदिर को लेकर पूरे देश में उत्साह का वातावरण है।अयोध्या में आयोजित भूमिपूजन समारोह से लौटे स्वामी जी ने सन्यास आश्रम (मुंबई) में पत्रकारों से बातचीत में कहा कि मुहूर्त निकालने की कई विधियां होती हैं। मुझे नहीं पता कि कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह किस आधार पर रामंदिर भूमिपूजन मुहूर्त की आलोचना कर रहे थे। उन्होंने कहा कि साढे तीन मुहूर्त ऐसे होते हैं जहां कोई भी कार्य संपन्न किया जा सकता है। राम मंदिर के लिए विचारपूर्वग मुहूर्त निकाला गया है। स्वामी जी ने कहा कि पूरा देश चाहता था कि राम मंदिर का कार्य जल्द से जल्द शुरु हो। उन्होंने कहा कि राम के राज्याभिषेक का मुहूर्त तो स्वंम वशिष्ठ ने निकाला था लेकिन राम को राजा बनने की बजाय वनवास के लिए जाना पड़ा।

दिग्विजय सिंह यदि रामभक्त हैं तो उन्हें मंदिर भूमिपूजन से खुश होना चाहिए। उन्होंने कहा कि अयोध्या अब काफी बदली बदली नजर आ रही है। पहले वहां निराशा का वातावरण रहता था लेकिन भूमिपूजन के मौके पर अयोध्यावासियों को उस दिन का अहसास हो रहा था जब 14 वर्षों के वनवास के बाद राम अयोध्या लौटे थे। भूमिपूजन के दिन अय़ोध्या के हर घर के सामने दीप जले और दिवाली मनाई गई। अयोध्या से अब उदासी छट गई है। वहां के लोगों ने अब तक बहुत कुछ सहा है। पर अब सुख के दिन आ गए हैं। अयोध्या विश्वस्तरिय शहर बनने जा रहा है। 1982 से राम मंदिर आंदोलन से जुड़े रहे विश्वेश्वरानंद गिरी जी महाराज ने कहा कि लंबी लड़ाई के बाद देश के सर्वोच्च न्यायालय से मंदिर निर्माण के लिए फैसला आना अच्छी बात रही और सबसे खुशी की बात यह है कि पूरे देश ने इस फैसले को स्वीकारा है। कहां से विरोध के कोई स्वर नहीं उठे।  

 

Created On :   6 Aug 2020 1:00 PM GMT

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