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कोरोना की तीसरी लहर 8 लाख तक पहुंच सकती है संक्रमितों की संख्या, टास्क फोर्स का अनुमान
डिजिटल डेस्क, मुंबई। कोविड के नए वैरिएंट डेल्टा प्लस के खतरे के बीच प्रदेश में यदि कोरोना की तीसरी लहर में आई है तो संक्रमित मरीजों की संख्या फिर से दोगुना बढ़ सकती है। तीसरी लहर में कोरोना के सक्रिय मरीजों की संख्या 8 लाख तक होने का अनुमान है। जबकि लगभग 10 प्रतिशत बच्चे कोरोना के चपेट में आ सकते हैं। बुधवार को मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे की मौजूदगी में कोरोना की तीसरी लहर को लेकर बैठक हुई। जिसमें राज्य के स्वास्थ्य विभाग ने प्रस्तुतिकरण में उक्त जानकारी दी है। बैठक में मुख्यमंत्री कहा कि कोरोना के नियमों का पालन न करना और भीड़ बढ़ना कोरोना की तीसरी लहर को जल्द आमंत्रण दे सकता है। उन्होंने कोरोना की तीसरी लहर के मद्देनजर दवाई और चिकित्सा उपकरण उपलब्ध कराने और इसकी ग्रामीण इलाकों में भरपूर आपूर्ति करने के निर्देश दिए हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि अगस्त-सितंबर से देश को 42 करोड़ टीका उपलब्ध होने की जानकारी मिली है। इससे राज्य में टीकाकरण की गति बढ़ाने में मदद मिल सकेगी। जबकि टॉस्क फोर्स ने कहा कि भीड़ बढ़ने लगी और स्वास्थ्य नियमों का पालन नहीं हुआ तो कोरोना की दूसरी लहर से संभलते-संभलते हमें महीने- दो महीने में तीसरी लहर का सामना करना पड़ सकता है।
वहीं स्वास्थ्य विभाग ने बताया कि कोरोना की पहले लहर में 17 सितंबर 2020 को सबसे अधिक 3 लाख 1 हजार 752 मरीज थे। 13 सितंबर 2020 को सर्वांधिक 517 मरीजों की मौत हुई थी। कोरोना का साप्ताहिक संक्रमण दर 9 सितंबर 2020 को सबसे ज्यादा 23.53 प्रतिशत था। पहली लहर में कोरोना के 19 लाख मरीज थे। जबकि कोरोना की दूसरी लहर में 22 अप्रैल को सबसे अधिक 6 लाख 99 हजार 858 मरीज थे। दूसरी लहर में 23 अप्रैल 2021 को सबसे अधिक 1110 मरीजों की मौत हुई थी। दूसरी लहर में 8 अप्रैल 2021 को 24.96 प्रतिशत संक्रमण दर था। दूसरी लहर में कोरोना के मरीजों की संख्या 40 लाख से अधिक हो गई थी।
आशा कार्यकर्ताओं की बैठक रही बेनतीजा
राज्य में मानधन बढ़ाने की मांग को लेकर बेमियादी हड़ताल कर रही आशा कार्यकर्ताओं के प्रतिनिधियों की राज्य के स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे के साथ बुधवार को हुई बैठक बेनतीजा रही। मंत्रालय के सूत्रों के अनुसार बैठक में आशा कार्यकर्ताओं के प्रतिनिधिमंडल ने विभिन्न मांगों को टोपे के सामने रखा। लेकिन हड़ताल वापस लेने पर सहमति नहीं बन पाई। समझा जा रहा है कि अगले दो से तीन दिनों में आशा कार्यकर्ताओं की मांगों पर सरकार ठोस फैसला ले सकती है।
Created On :   16 Jun 2021 10:05 PM IST