मंत्रालय बुलाकर नौकरी के लिए फर्जी साक्षात्कार कराने के मामले में तीन गिरफ्तार

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सरकारी नौकरी के नाम पर ठगी मंत्रालय बुलाकर नौकरी के लिए फर्जी साक्षात्कार कराने के मामले में तीन गिरफ्तार

डिजिटल डेस्क, मुंबई। सरकारी नौकरी का झांसा देकर एक दर्जन लोगों से 73 लाख रुपए की ठगी करने के मामले में चेंबूर पुलिस ने मंत्रालय में कार्यरत एक चपरासी समेत तीन लोगों को गिरफ्तार किया है। हैरानी की बात ये है कि आरोपियों ने शिकायतकर्ता का मंत्रालय में बुलाकर फर्जी साक्षात्कार भी लिया और बाद में सरकारी जेजे अस्पताल में उनकी मेडिकल जांच भी कराई गई। इसके बाद फर्जी ऑफर लेटर भी दे दिया गया। मालाड इलाके में रहने वाले सागर जाधव नाम के व्यक्ति ने मामले में शिकायत की है जिसके बाद महेंद्र सकपाल, महादेव शिरवाले, सचिन डोलस और नितिन साठे नाम के चार आरोपियों के खिलाफ चेंबूर पुलिस स्टेशन में एफआईआर दर्ज की गई है। मामले की समानांतर जांच करते हुए अपराध शाखा ने मंत्रालय में चपरासी के तौर पर काम करने वाले डोलस, साठे और शिरवाले नाम के तीन आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है जबकि सकपाल नाम के फरार आरोपी की तलाश जारी है। शिकायतकर्ता जाधव के मुताबिक उनकी सकपाल से मुलाकात 2019 में एक जान पहचान के व्यक्ति के जरिए हुई थी। सकपाल ने उससे कहा कि उसकी मंत्रालय में सामान्य प्रशासन विभाग में सचिव के तौर पर काम करने वाले नितिन साठे और वरिष्ठ लिपिक सचिन डोलस से जान पहचान है जिनकी मदद से वह मंत्रालय में नौकरी दिला सकता है। इसके बाद आरोपियों ने जाधव उनके भाई और बहन  के दस्तावेज और 9 लाख रुपए लिए। इसके बाद उन्हें क्लर्क कम टाइपिस्ट के पद के लिए ऑफर लेटर देकर मेडिकल जांच के लिए जेजे अस्पताल भेजा गया। इसके बाद जाधव से आरोपियों ने 11 लाख रुपए और लिए। जाधव और उनके भाई, बहन को साक्षात्कार के लिए मंत्रालय बुलाया गया जहां तैनात गार्ड उन्हें तीसरी मंजिल पर स्थित एक कमरे में ले गया। यहां तीनों से डोलस मिला और उन्हें छठीं मंजिल पर ले गया जहां पहले से करीब एक दर्जन लोग साक्षात्कार के लिए बैठे हुए थे। अपना नाम नितिन कुंडलिक बताने वाले व्यक्ति ने तीनों का इंटरव्यू लिया और उनके दस्तावेजों की जांच की। कुंडलिक ने वादा किया कि तीनों को जल्द ही नियुक्तिपत्र और पहचान पत्र दे दिया जाएगा। लेकिन काफी समय तक नियुक्तिपत्र नहीं मिला तो शिकायतकर्ता ने सकपाल से संपर्क किया। सकपाल ने यह कह कहते हुए झांसा दिया कि कोरोना संक्रमण के चलते नियुक्ति में देरी हो रही है। लेकिन कुछ महीनों बाद सकपाल ने संपर्क तोड़ लिया और फरार हो गया। इसके बाद मामले की शिकायत पुलिस से की गई। पुलिस के मुताबिक साठे ठगी के गिरोह का मास्टर माइंड है जबकि सकपाल और शिरवाले ठगी के लिए लोगों को ढूंढते हैं। अब तक की जांच में खुलासा हुआ है कि आरोपियों ने 12 लोगों को सरकारी नौकरी के नाम पर लाखों का चूना लगाया है हालांकि पुलिस को शक है कि ठगी के शिकार हुए लोगों की संख्या और ज्यादा हो सकती है। 
 

Created On :   20 Dec 2022 8:50 PM IST

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