एसबीआई के डेबिट कार्ड  की क्लोनिंग कर ठग ने एकाउंट से उड़ाए 42 हजार  

Thugs flew 42 thousand from account by cloning SBIs debit card
एसबीआई के डेबिट कार्ड  की क्लोनिंग कर ठग ने एकाउंट से उड़ाए 42 हजार  
एसबीआई के डेबिट कार्ड  की क्लोनिंग कर ठग ने एकाउंट से उड़ाए 42 हजार  

 डिजिटल डेस्क सतना। हाईटेक गैंग की सक्रियता के कारण बैंक के खातों में जमा मेहनत की कमाई भी अब सुरक्षित नहीं है। तथ्य ये भी है कि पुलिस को जमा खातों से रकम की अवैध निकासी की सबसे ज्यादा शिकायतें ,भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) की विभिन्न शाखाओं से मिल रही हैं। यहां सिटी कोतवाली पहुंचे ऐसे ही एक सनसनीखेज मामले से साफ हो चुका है कि एटीएम बूथों में स्कैनर और कार्ड रीडर लगाकर डेबिट कार्डस की क्लोनिंग का काम तेजी के साथ चल रहा है? 
उचेहरा में एकाउंट और रकम निकली बमीठा से 
उचेहरा थाना क्षेत्र के बिहटा स्थित हायर सेकंडरी स्कूल में सहायक अध्यापक राजेश प्रजापति का एकाउंट उचेहरा स्थित एसबीआई की ब्रांच में है। श्री प्रजापति के मुताबिक 12 अक्टूबर को उन्होंने कामता टोला स्थित एसबीआई के एटीएम बूथ से अंतिम बार 10 हजार रुपए की नकद निकासी की थी। लगभग 4 दिन बाद यािन 16 अक्टूबर को सुबह 9 बजे श्री प्रजापति उस वक्त दंग रह गए जब उन्हें उनके एकाउंट से 42 हजार रुपए निकल जाने का एसएमएस मिला। हैरत इस बात की थी कि राजेश प्रजापति के खाते से पहली 20 हजार की अवैध निकासी 14 अक्टूबर को दूसरी 20 हजार की एक अन्य निकासी 15 अक्टूबर को और अंतिम 2 हजार की निकासी 16 अक्टूबर को हुई,मगर इन तीनों गैरकानूनी निकासियों को एसएमएस एक साथ उन्हें 16 अक्टूबर को मिला। अगर पहली निकासी का एसएमएस समय पर मिल जाता तो बाकी की राशि बचाई जा सकती थी। सभी विधि विरुद्ध निकासियां बमीठा के एटीएम से की गईं। सवाल ये है कि जब एटीएम कार्ड वास्तविक खातेदार के पास है तो फिर छतरपुर के बमीठा से उसी एटीएम से रकम की निकासी कैसे हो गई? 
एक संदिग्ध युवक पर शक 
इस मामले में एटीएम फ्रॉड के शिकार खातेदार को एक संदिग्ध युवक पर शक है। असल में खातेदार राजेश प्रजापति को एक पखवाड़ा पहले एसबीआई का नया एटीएम कार्ड मिला था। विगत 10 अक्टूबर को वो सिटी कोतवाली अंतर्गत कामता टोला स्थित एसबीआई के एटीएम बूथ में पासवर्ड जनरेट करने के लिए गए। जैसे ही उन्होंने प्रॉसेस शुरु की पीछे से एक संदिग्ध युवक उनके पास पहुंच गया। उसने  राजेश का डेबिट कार्ड लेकर पासवर्ड जनरेट कर दिया। राजेश ने 10 हजार की नकदी निकाली। इसके बाद एक अन्य व्यक्ति ने भी 10 हजार की निकासी की। तब तक वो संदिग्ध शख्स जा चुका था। माना जा रहा है कि राजेश प्रजापति का पासवर्ड स्वाभाविक रुप से युवक जान चुका था। मगर, जानकार सवाल उठाते हैं कि पासवर्ड जान लेने के बाद भी युवक के पास राजेश का डेबिट कार्ड नहीं था। आशंका है कि कामता टोला स्थित एसबीआई के बूथ में कहीं पहले से ही एटीएम स्केनर और कार्ड रीडर तो नहीं लगा था? जिसकी मदद से अज्ञात ठग ने बाद में डेबिट कार्ड की क्लोनिंग कर ली हो। 

Created On :   18 Oct 2019 12:27 PM GMT

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