इंसानों पर हमला करनेवाले बाघ की संदिग्ध मौत, होगा कोरोना टैस्ट
12 दिनों पहले नागपुर के गोरेवाड़ा रेस्क्यू सेंटर में लाए केटी-1 नामक बाघ की सोमवार सुबह संदिग्ध मौत हुई है। पूरी तरह से स्वस्थ्य दिखनेवाले इस बाघ की आखिर मौत कैसे हुई इस पर खुलासा होना बाकी है। हालांकि प्राथमिक तौर पर बाघ के जांघ में पस जमा हुआ था। जिसके कारण उसकी मौत हो सकती है। हालांकि पूरी कहानी पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद सामने आएगी। 3 दिन बाद बाघ की मौत की वजह सामने आएगी। पूरी तरह से स्वस्थ्य दिखनेवाले बाघ की 12 दिनों में अचानक मौत होना, कई सवालों को खड़ा कर रहा है। ताडोबा व्याघ्र प्रकल्प अंतर्गत केटी-1 नामक बाघ ने गत 4 महीने से सभी को परेशान कर रखा था। इस बाघ ने रिजर्व फॉरेस्ट के अंदर व बाहर पकड़े जाने तक 5 लोगों की जान ली थी। कोलारा, बामनगांव, सातारा में फरवरी से जून महीने तक जमकर आंतक देखने मिला था। 6 जून को एक इंसान की जान गई थी। इंसानों के लिए लगातार घातक बनते जा रहे इस बाघ को पकड़ने का आदेश प्रधान मुख्य वन संरक्षक ( वन्यजीव) ने दिया था। जिसके बाद रेस्कयू टीम ने इसे 10 जून को पकड़ा था। 11 जून को इसे गोरेवाड़ा बचाव केन्द्र लाया गया था।
कोरोना जांच के लिए भी भेज सकते हैं सैंपल
इन दिनों पूरे देश में कोरोना बीमारी फैली है। ऐसे में इंसानों के लगातार संपर्क में आनेवाले बाघ को भी संक्रमित तो नहीं हुआ है। इसके लिए उसे क्वारेंटाइन रखा गया था। मौत के बाद बाघ का सैंपल भी लिया है। जिसे कोरोना टेस्ट के लिए भी भेजा जा सकता है। नंदकिशोर काले, व्यवस्थापक के मुताबिक पोस्टमार्टम रिपोर्ट आनी बाकी है। लेकिन प्राथमिक तौर पर डॉक्टरों ने बताया कि, उसे इन्फेक्शन हो गया था। जिसमें पस जमा था। मौत का कारण इसे ही समझा जा रहा है। जरूरत पड़ने पर कोरोना टेस्ट भी कराया जाएगा।