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मेलघाट के जंगल जाएंगे चंद्रपुर के बाघ, पश्चिम महाराष्ट्र भेजने की केंद्र से अनुमति नहीं

डिजिटल डेस्क, मुंबई। पिछले चार सालों में बाघों की संख्या 25 फीसदी बढ़ी है। इसी के मद्देनजर कुछ बाघों को मेलघाट में ले जाने की योजना है। वन मंत्री सुधीर मुनगंटीवार ने विधानसभा में यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि बाघों को सह्याद्रि के जंगलों में स्थानांतरित करने पर भी विचार हुआ था लेकिन विदर्भ के बाघ समतल इलाके में रहने के आदी हैं जबकि सह्याद्री का इलाका पहाड़ी है इसीलिए केंद्र सरकार ने इसकी इजाजत नही दी। विधानसभा में विपक्ष के नेता विजय वडेटटीवर, कांग्रेस के नसीम खान, असलम शेख आदि सदस्यों ने ध्यानाकर्षण प्रस्ताव के जरिये सदन का ध्यान वन्य प्राणियों के हमलों में नागरिकों की मौत के मुद्दे पर खींचा था।
जवाब में वन मंत्री सुधीर मुनगंटीवार ने बताया कि पिछले कुछ सालों के आंकड़ों पर नजर डाले तो पता चलता है कि राज्य में जंगली प्राणियों के हमले के 35 से 50 के बीच मामले सामने आते हैं। इनमें 80 फीसदी मामले विदर्भ में होते हैं। उन्होंने बताया कि साल 2018 से 10 जून 2019 तक जंगली जानवरों के हमले में सिंदेवाही तहसील में 9 जबकि ब्रह्मपुरी तहसील में 10 लोगों की मौत हुई है। उन्होंने कहा कि जंगली जानवरों के हमले रोकने के लिए 27 संवेदनशील गांव का चयन किया गया है। यहां जाली लगाने, सोलर लाइट लगाने, झाड़ियों आदि को काटकर साफ करने जैसे कई कदम उठाए जा रहे हैं।
इन गावों में लोगों को ईंधन के लिए जंगल मे न जाना पड़े इसलिए मुफ्त गैस कनेक्शन और एक साल तक मुफ्त सिलेंडर की व्यवस्था की गई है। मुनगंटीवार ने बताया कि फिलहाल जंगली जानवरों के हमले में मारे जाने वाले लोगों के परिजनों को 15 लाख रुपये की आर्थिक मदद दी जाती है जिसमे से 3 लाख का चेक दिया जाता है जबकि 12 लाख की फिक्स डिपॉजिट होती है जिसका ब्याज परिवार को मिलता है। सरकार मुआवज़ा बढ़ाने और परिवार को पूरी रकम एक साथ देने की मांग पर भी विचार कर रही है। उन्होंने बताया कि सरकार कानून में जल्द ही बदलाव करेगी जिसके बाद जंगली जानवर द्वारा फसल के नुकसान पर अगर किसान को मुआवजा नही मिला तो संबंधित अधिकारी के वेतन से रकम काट कर किसान को दी जाएगी।
Created On :   2 July 2019 8:19 PM IST