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बाघ का कंधा टूटा, गले व पेट में गहरे घाव- टैरेटरी फाइट
डिजिटल डेस्क शहडोल । एक दिन पहले धमोखर में नदी किनारे गड्ढे से रेस्क्यू कर निकाले गए बाघ की हालत गंभीर बनी हुई है। बाघों की लड़ाई में उसका एक कंधा टूट चुका है। गले में गंभीर चोट है वहीं नाक, पेट के पास तथा पैर में चोट मिली है। भोपाल से अधिकारियों के मार्गदर्शन में बांधवगढ़ प्रबंधन बाघ को बचाने के लिए एड़ी चोटी का जोर लगाए हुए है। गौरतलब है कि एक दिन पहले शनिवार को बाघिन टी-16 का एक शावक क्षत-विक्षत हाल में मृत मिला था। सुरक्षा के नजरिये से प्रबंधन ने सघन गश्त अभियान चलाया और स्थल के पास ही दूसरा बाघ नाले में मिला।
लड़ाई के दौरान गिरने की आशंका
बाघ की हालत संवेदनशील होने के चलते पहचान नहीं हो पाई है। डॉक्टरी देखरेख में प्रबंधन की पहली प्राथमिकता किसी कदर उसे खतरे से बाहर लाना है। माना जा रहा है 29 अप्रैल की रात टी-16 के दोनों शावकों के बीच खूनी संघर्ष हुआ था। एक शावक की मौत के बाद दूसरा वहां से भागा होगा, इसी दौरान नदी किनारे गड्ढे में समा गया। चंूकि बाघ के गर्दन सहित पूरे शरीर में गहरे घाव थे। इसलिए वह 8-10 फीट ऊंचे मामूली गड्ढे को भी नहीं फांद पाया। गनीमत रही कि हाथी दल ने रविवार को समय रहते उसे देख लिया और दोपहर बाद पार्क प्रबंधन ने रेस्क्यू कर बाघ को बाहर निकाल लिया।
सुधार के बाद भेजा जा सकेगा बाहर
पार्क प्रबंधन के मुताबिक बाघ की हालत को देखते हुए फिलहाल उसे बाहर इलाज के लिए भेजना संभव नहीं है। 24 घण्टे डॉक्टर व विशेषज्ञों की देखरेख में जीवन रक्षक दवाएं दी जा रही हैं। धमोखर से लाकर घायल बाघ को ताला बांधवगढ़ में रखा गया है। गौरतलब है कि रेस्क्यू के पूर्व बाघ को इलाज के लिए भोपाल भेजने पर भी विचार किया जा रहा था।
16 माह में आठ शावक की मौत
वाइल्ड लाइफ के मुताबिक 0-2 वर्ष की आयु वाले नर, मादा बाघ को शावक की श्रेणी में रखा जाता है। वर्ष 2017 से अभी तक बीटीआर व आसपास के क्षेत्र में 16 महीने के भीतर 8 शावकों की मौत हुई है। इनमें घुनघुटी परिक्षेत्र में मिला वह शावक भी शामिल है, जिसका बाघिन के साथ शिकार हुआ था। सितंबर 2017 में एक शावक की मगधी में कुएं में गिरने से मौत हुई थी।
इनका कहना है
घायल बाघ के शरीर में काफी गहरे घाव हैं। हम शीर्ष अधिकारियों के मार्गदर्शन में उसे बचाने के लिए जुटे हुए हैं। हालत में सुधार के बाद ही पहचान व बाहर भेजने के विकल्प पर विचार किया जाएगा।
मृदुल पाठक, डायरेक्टर बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व
Created On :   3 April 2018 2:04 PM IST