अग्नि हादसों में तंग रास्ते बन सकते हैं मुसीबत - जिले में नपा का दमकल विभाग ही देता है अधिकतर सेवा

Tight routes can become a problem - only the fire department of NAPA gives most service in the district
अग्नि हादसों में तंग रास्ते बन सकते हैं मुसीबत - जिले में नपा का दमकल विभाग ही देता है अधिकतर सेवा
अग्नि हादसों में तंग रास्ते बन सकते हैं मुसीबत - जिले में नपा का दमकल विभाग ही देता है अधिकतर सेवा

डिजिटल डेस्क शहडोल । कोलकाता के स्ट्रैंड रोड इलाके में सोमवार की शाम मल्टी स्टोरी बिल्डिंग की 13 वीं मंजिल पर आग लगने से 7 लोगों की हुई मौत के बाद जिले में भी ऐसे हादसों से निपटने के लिए सुविधाओं पर चर्चा शुरु हो गई है। हालांकि जिले में महानगरों की तर्ज पर बहुमंजिला इमारतें व मल्टी स्टोरी काम्पलेक्स तो नहीं हैं, लेकिन यदि बाजार एरिया में अग्नि हादसों की आशंका बनी तो वहां की संकरी व तंग रास्ते मुसीबत पैदा कर सकते हैं। जिला मुख्यालय की ही बात की जाए तो बाजार एरिया सहित पुरानी बस्ती, सोहागपुर व घरौला मोहल्ला में फायर बिगे्रड का जाना संभव नहीं हो पाएगा। 
जिले में अग्नि के बड़े हादसे नहीं हुए हैं। फिर भी ऐसी घटनाओं से निपटने नगरीय निकायों में संसाधन मौजूद हैं। आग से निपटने के लिए संसाधनों के मामले में नगरपालिका शहडोल अन्य निकायों से बेहतर है, जहां आधुनिक मशीनें व मैन पॉवर उपलब्ध हैं। शहर से बाहर या जिले में जब भी हादसे होते हैं तो जरूरत पडऩे पर यहीं से मशीनरी पहुंचती है।
बड़े संस्थान व सुविधाएं
बस स्डैण्ड, रेलवे स्टेशन, जिला चिकित्सालय ऐसे क्षेत्र व स्थान हैं, जहां बहुतायत मात्रा में लोगों का आना-जाना होता है। ऐसे स्थानों पर अभी तक आग लगने की बड़ी घटनाएं नहीं हुई हैं। कुछ दिनों पहले जिला चिकित्सालय के ऑक्सीजन सप्लाई प्वाइंट के कमरे में आग जरूर लगी थी, जहां मौजूद फायर सेफ्टी मशीन से तुरंत काबू पा लिया गया था। अस्पताल में 45 की संख्या में फायर मशीन लगे हुए हैं। बस स्टैण्ड पूरी तरह खुला परिसर है, जो चारों ओर से खुला हुआ है। बगल में ही नपा का फायर स्टेशन बना हुआ है। रेलवे स्टेशन में फायर मशीनें लगी हुई हैं। नव निर्मित मेडिकल कॉलेज में फायर मशीनें लगी हुई हैं। शहर के एक मात्र मॉल में दुकानें निचले तल पर है। ऊपरी मंजिल स्थित सिनेमा हाल में निकासी के दो रास्ते हैं। फायर सेफ्टी है।
हादसों से निपटने संसाधन
प्राय: गर्मी के दिनों में आग लगने की अधिक घटनाएं सामने आती हैं। अग्नि हादसों से निपटने के लिए नगरपालिका के पास पर्याप्त संसाधन मौजूद हैं। विभाग के पास चार बड़े वाहन व दो छोटे क्विक रिस्पांस व्हीकल मौजूद हैं, जो चालू हालत में हैं। फायर विभाग में 24 कर्मचारियों को तैनात किया गया है, जो 24 घंटे शिफ्टवार सेवा देते हैं। क्विंक रिस्पांस वाहन छोटी गलियों में भी चले जाते हैं। वहीं अन्य निकायों की बात की जाए तो बुढ़ार नगर परिषद में एक मात्र फायर वाहन बिगड़ा हुआ है। सीएमओ शिवांगी सिंह बघेल ने बताया कि वाहन में तकनीकी खराबी के कारण मरम्मत के लिए जबलपुर भेजा गया है। इसी प्रकार धनपुरी नगरपालिका के पास दो वाहन हैं, जिनमें से एक बिगड़ा हुआ है।
एक वर्ष में 49 घटनाएं
नगर व आसपास के क्षेत्रों में एक वर्ष के दौरान आग लगने की 49 घटनाएं हो चुकी हैं। बीते वर्ष गर्मी के दिनों में ज्यादातर समय लॉक डाउन में बीता इसलिए भी घटनाएं अधिक नहीं हुईं। कुछ महीने पहले गोहपारू स्थित एक किराना दुकान में आग लगी थी, जिसमें सब कुछ जल गया। इसके अलावा कहीं भी आग से बड़ा नुकसान नहीं हुआ। बड़ी घटना वर्ष 2016 में अवश्य हई थी, जब बाणगंगा पेट्रोल पंप के पास खड़ी बस में आग लग जाने से बस तो जली ही, खेलते-खेलते उसमें जा पहुंचे दो बच्चे जल गए थे।
इन माध्यमों से दें सूचना
अग्नि हादसों से निपटने के लिए नगरपालिका का कंट्रोल रूम फायर विभाग के रूप में बना हुआ है। जहां के प्रभारी राजकुमार विश्वकर्मा ने बताया कि  कंट्रोल रूम के नंबर 6260169700 पर 24 घंटे सूचना दी जा सकती है। इसके अलावा टोल फ्री नंबर 101 तथा 100 डायल पर भी सूचना दी जा सकती है। वहीं पुलिस कंट्रोल रूम के नंबर 7049101052 के माध्यम से भी अग्नि हादसों की सूचना आम जन दे सकते हैं। उन्होंने बताया कि घटना की सूचना समय पर मिल जाने से घटना को बड़ा होने से रोका जा सकता है।
 

Created On :   10 March 2021 5:52 PM IST

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