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यूथ स्पीक फाेरम के प्रोग्राम में बताए तनाव और डिप्रेशन से बचने के टिप्स
डिजिटल डेस्क, नागपुर। सही करियर के चुनाव को लेकर पैरंेट और प्रियर प्रेसर आज के युवाओं के मानसिक स्वास्थ्य के लिए बड़ी चुनौती बनती जा रही है। ऐसे में युवाओं कोे दबाव दूर करने, डिप्रेशन से बचने और अपनी राह बनाने की तरकीब सीखना जरूरी है। ये विचार निकिता शर्मा ने व्यक्त किए। मोटिवेशनल स्पीकर निकिता पर्सिस्टेंट में एआईईएसईएस की ओर से यूथ स्पीक फाेरम के तहत आयोजित कार्यक्रम में बाेल रही थीं। कार्यक्रम में समान अधिकार विषय पर वेराली मोदी, लाइफ ऑन लैंड पर जेरिल बनाइत व डीसेंट वर्क एंड इकोनॉमी पर राज समानी ने भी विचार व्यक्त किए। एआईईएसईएस की ओर से अनीशा मजूमदार, सिद्धि घई, अश्विन हिरुलकर, अर्थव कुंथे, वरुण चोपड़ा, मुस्कान सिंघानिया, गौरव खेमका, श्रीराम वासुले, कुणाल शेहरावत, साहिल शरीफ, प्रथम गुप्ता और जुनैद शेख ने सहयोग किया।
दूसरों के लिए नहीं, स्वयं के लिए करें चयन
निकिता शर्मा ने छात्र-छात्राओं के सवालों के जबाव देते हुए कहा कि जीवन में अपने फैसले अपनी काबिलियत और रुचि के अनुसार लेने चाहिए। उसी का चयन करना चाहिए, जिससे आपको खुशी मिले। अभिभावक या दोस्तों के दबाव में ऐसे विषय का चुनाव करना, जिसमें आपकी रुचि नहीं है, आपके समय की बर्बादी होगी। उन्होंने कॅरियर के चुनाव, डिप्रेशन, ओवर थिकिंग, बॉडी शेमिंग, सोशल सर्विस से जुड़े कई सवालों के भी जवाब दिए।
संचालक जतकर को जबरन सेवानिवृत्ति के आदेश
राज्य सरकार ने पूर्व सैनिक कल्याण विभाग के संचालक सेवानिवृत्त कर्नल सुहास जतकर की सख्ती से सेवानिवृत्ति का आदेश जारी किया है। वर्ष 2009 में सेना से सेवानिवृत्त होने के बाद जतकर महाराष्ट्र लोकसेवा आयोग की परीक्षा उत्तीर्ण कर पूर्व सैनिक कल्याण विभाग में संचालक पद पर नियुक्त हुए थे। पूर्व सैनिक राम कोरके ने वर्ष 2014 में एक सैनिक कार्यक्रम में आए कमांडर रवींद्र पाठक से जतकर के खिलाफ ध्वजदिन निधि घोटाले की शिकायत की थी। शिकायत के साथ जोड़े गए तथ्यों के आधार पर वर्ष 2018 में जतकर काे निलंबित कर साल भर विभागीय जांच की गई। जांच में ध्वजदिन निधि घोटाला तथा अन्य आरोप सिद्ध होने पर 18 अक्टूबर को राज्य के प्रधान सचिव तथा विशेष जांच अधिकारी वल्सा नायर सिंह ने सुहास जतकर की सख्ती से सेवानिवृत्ति का आदेश जारी किया। कर्नल जतकर पर महाराष्ट्र के सभी जिलों में जिला सैनिक कल्याण कार्यालयों में कार्यरत अधिकारी, कर्मचारियों पर दबाव बनाकर अपनी मर्जी से निर्णय लेने के लिए बाध्य करने, पूर्व सैनिकों, उनकी विधवाओं तथा पाल्यों से आर्थिक लेन-देन कर नौकरी तथा तबादला करने के आरोप भी लगाए गए थे।
Created On :   21 Oct 2019 1:19 PM IST