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दुष्यंत चतुर्वेदी ने ली शपथ, टोपे ने कहा- चीन से आने वालों के साथ न हो भेदभाव

डिजिटल डेस्क, मुंबई। विधान परिषद उपचुनाव में निर्वाचित सदस्य दुष्यंत चतुर्वेदी सदन के सदस्य बन गए हैं। शुक्रवार को विधानभवन में विधान परिषद के सभापति रामराजे नाईक निंबालकर ने दुष्यंत को विधान परिषद सदस्यता की शपथ दिलाई। चतुर्वेदी विधान परिषद की यवतमाल स्थानिक स्वराज्य संस्था प्राधिकरण की सीट पर हुए उपचुनाव में निर्वाचित हुए हैं। विधानभवन में आयोजित शपथग्रहण समारोह में विधान परिषद की उपसभापति डॉ.नीलम गोर्हे, राज्य के ऊर्जामंत्री डॉ. नितीन राऊत, वनमंत्री संजय राठोड, परिवहन मंत्री अनिल परब मौजूद थे।
चीनी से आने वालों के साथ न हो भेदभावः टोपे
उधर प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे ने कोरोना वायरस प्रभावित इलाकों से आने वाले व्यक्तियों से काम पर लौटते समय चिकित्सा प्रमाणपत्र अथवा प्रयोगशाला की रिपोर्ट मांगने पर नाराजगी जताई है। टोपे ने कहा कि कोरोना वायरस प्रभावित क्षेत्रों से आने वाले व्यक्तियों से सेवाएं लेने से पहले चिकित्सा प्रमाणपत्र या फिर प्रयोगशाला की रिपोर्ट मांगी जाती है। यह बात गलत है। उन्होंने चीन और कोरोना वायरस से प्रभावित इलाकों से आने वाले व्यक्तियों के साथ भेदभाव पूर्ण बर्ताव न करने का आह्वान किया है। टोपे ने कहा कि चीन से आने वाले व्यक्तियों का स्वास्थ्य विभाग के माध्यम से 14 दिन तक प्रतिदिन सर्वेक्षण किया जाता है। इस दौरान कोई लक्षण न पाए जाने पर व्यक्ति की जांच की जरूरत नहीं है। इसलिए व्यक्ति से चिकित्सा प्रमाणपत्र न मांगा जाए। टोपे ने बताया कि कोरोना वायरस के मद्देनजर प्रदेश में शुक्रवार को 5 लोगों को अस्पतालों में निगरानी में भर्ती किया गया है। पुणे में तीन और अहमदनगर और जलगांव में एक-एक लोग अस्पताल में भर्ती हैं। जबकि राज्य में 25 लोगों को अस्पताल में घर जाने की अनुमति दी गई है। वहीं मुंबई हवाई अड्डे पर 16 हजार 63 यात्रियों की जांच की गई है। वहीं राज्य के बंदरगाह मंत्री असलम शेख ने प्रदेश के बंदरगाहों और क्रूज टर्मिनल पर आने वाले विदेशी नागरिकों पर नजर रखने के लिए अफसरों को निर्देश दिए हैं।
महाराष्ट्र में त्रिभाषा सूत्र का कड़ाई से हो पालन
वहीं राज्य के मराठी भाषा मंत्री सुभाष देसाई ने केंद्र सरकार से महाराष्ट्र में त्रि-भाषा सूत्र को प्रभावी रूप से लागू करने की मांग की है। शुक्रवार को देसाई ने इस संबंध में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को पत्र लिखा है। देसाई ने कहा कि महाराष्ट्र राजभाषा अधिनियम 1964 के अनुसार मराठी महाराष्ट्र राज्य की अधिकृत भाषा है। केंद्र सरकार ने केंद्र सरकार राजभाषा नियम 1976 को स्वीकार किया है। इसके तहत राज्य के अधिकार वाले केंद्र सरकार के सभी कार्यालयों में त्रि-भाषा सूत्र लागू है। लेकिन केंद्र सरकार के प्राधिकरण त्रि-भाषा सूत्र को लागू नहीं कर रहे हैं। मराठी भाषा का इस्तेमाल न करने पर त्रि-भाषा सूत्र में किसी प्रकार का दंड़ अथवा अनुशासनात्मक कार्रवाई का प्रावधान नहीं है। इसलिए शायद ऐसा हो रहा है। देसाई ने कहा कि सभी केंद्रीय कार्यालयों विशेष रूप से रेलवे, बैंक, दूरसंचार प्राधिकरण में त्रि-भाषा सूत्र लागू करने के लिए केंद्र सरकार की ओर से निर्देश दिया जाए। इससे नागरिकों उनके प्रादेशिक भाषा मराठी में सेवा मिल सकेगी।
Created On :   7 Feb 2020 10:16 PM IST