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संयुक्त परिवार में होता है परंपरा और संस्कृति का जतन

डिजिटल डेस्क, अमरावती। परंपरा और संस्कृति का जतन करने के लिए संयुक्त परिवार बेहद जरूरी है। संयुक्त परिवार समाज के लिए आदर्श होता है। एक साथ रहने से बच्चों को अच्छे संस्कार मिलते है। साथ ही उन्हें एकता का महत्व समझ में आता है। जीवन का असली सुख और खुशियां एक साथ रहने में है। यह कहना है अमरावती शहर के पन्नालाल नगर निवासी 67 वर्षीय जयप्रकाश सारडा का।
Q आपकी जिंदगी का सबसे महत्वपूर्ण वह कौन-सा पल था, जिसमें आपने सफलता पायी और वह किस तरह अपनी आनेवाली पीढ़ी का मार्गदर्शन कर सकता है?
- मैंने जीवन का अधिकांश समय वाशिम जिले के धनज गांव में बिताया। बचपन से गांव में ही जीवनयापन किया। हमारा परिवार खेती करनेवाला था। गांव में रहने से ग्रामीण समस्याओं को हमने करीब से देखा। खेती करने के साथ-साथ कृषिपूरक व्यवसाय कर अपनी हर जिम्मेदारी को बखूबी निभाया। बहनों को भी कभी किसी बात की कमी नहीं होने दी। खेती के साथ पूरक व्यवसाय किया। यही मेरे जीवन की सफलता है। युवा पीढ़ी को भी समर्पित भाव से काम करना चाहिए।
Q आपने जो अपनी विरासत संजोई है और जिंदगी में जो अनुभव प्राप्त किए है, वे किस तरह भविष्य को बेहतर बनाने में मदद कर सकते है?
- समय के साथ स्वयं में बदलना जरूरी है। हमारे अनुभव हमें बहुत कुछ सिखातें है। छोटे से कस्बे से शहर में आकर बसना मेरे लिए चुनौतिपूर्ण था। फिर भी मैंने हिम्मत न हारते हुए कड़ी मेहनत की। बच्चों को उच्च शिक्षा दिलवाने की पूरी कोशिश की। आज बच्चों ने अच्छा मुकाम हासिल किया। यह देख खुशी होती है। पारिवारिक जिम्मेदारियों को निभाने के साथ-साथ धार्मिक कार्यों में भी योगदान देने मंे आनंद मिलता है। हर साल पैदल दिंडी में आनेवाले श्रद्धालुओं की सेवा करने के लिए तत्पर रहता हूं।
Q अपने शहर, समाज और देश के लिए अब क्या करना चाहते है और यह भी बताइए कि आज की पीढ़ी को क्या करने की जरूरत है?
- जीवन में अवसर मिले तो उन्हें गंवाना नहीं चाहिए। युवा पीढ़ी को पश्चिमी संस्कृति का अनुकरण न करते हुए अपनी संस्कृति का जतन करना चाहिए। साथ ही सामाजिक व धार्मिक कार्यों में हिस्सा लेकर अपना योगदान देना चाहिए।
Created On :   7 Feb 2022 5:23 PM IST