नागपुर जोन के कार्यक्षेत्र पर चली कैची, सीपीडब्ल्यूडी के 2 सर्कल बंद

Traffic police do not have enough jackets nor masks, work on heat
नागपुर जोन के कार्यक्षेत्र पर चली कैची, सीपीडब्ल्यूडी के 2 सर्कल बंद
नागपुर जोन के कार्यक्षेत्र पर चली कैची, सीपीडब्ल्यूडी के 2 सर्कल बंद

डिजिटल डेस्क, नागपुर। केंद्रीय लोक कर्म विभाग (सीपीडब्ल्यडी) नागपुर के 2 सर्कल बंद कर दिए गए है। मुख्य अभियंता के नेतृत्व में कार्य करनेवाले अधीक्षण अभियंता के कार्यालय अब नहीं रहेंगे। अधीक्षण अभियंता (सिविल) का तबादला दिल्ली कर दिया गया और अधीक्षण अभियंता (इलेक्ट्रिक) कार्यालय में कोई काम नहीं हो रहा। दो सर्कल कम करने को रिस्ट्रक्चर का नाम दिया जा रहा है। सीपीडब्ल्यूडी नागपुर के मुख्य अभियंता का कार्यक्षेत्र महाराष्ट्र (मुंबई छोड़कर) व गोवा था। दिल्ली स्थित सीपीडब्ल्यूडी के डीजी कार्यालय ने रिस्ट्रक्चर का प्रोग्राम तैैयार किया, उसकी मार नागपुर जोन पर पड़ी । जोन के तहत पहले अधीक्षण अभियंता (सिविल), अधीक्षण अभियंता (इलेक्ट्रिक), पूणे व गोवा में एक-एक अधीक्षण अभियंता के कार्यालय थे। मई 2019 में हुए रिस्ट्रक्चर के मुताबिक नागपुर से दोनों अधीक्षण अभियंता (एसई) कार्यालय बंद करने की प्रक्रिया शुरू हो गई। अधीक्षण अभियंता (सिविल)  कुजुर का तबादला दिल्ली कर दिया और अब यहां से दैनिक कार्य बंद हो गया है। अधीक्षण अभियंता (इलेक्ट्रिक) राव के कार्यालय से दस्तावेज मुख्य अभियंता कार्यालय में शिफ्ट किए जा रहे है। इस कार्यालय में अब दैनिक कार्य बंद हो गए है। इसके अलावा पूणे व गोवा को नागपुर जोन से हटा दिया गया है। अब इसे मुख्य अभियंता मुंबई कार्यालय से जोड़ दिया गया है। नागपुर पर दो प्रहार हुए है। कार्यक्षेत्र कम करने के साथ ही दो एसई भी कम कर दिए गए है। पिछले कुछ सालों से सीपीडब्ल्यडी का नागपुर में काम बहुत कम हो गया था। सीपीडब्ल्यडी की जगह नेशनल बिल्डिंग कंस्ट्रक्शन कारपाेरेशन को इमारतें बनाने का काम ज्यादा मिल रहा है। 

कैट में अपील 

सरकार के इस नए आदेश का विरोध भी शुरू हाे गया है। बेंगलुरु व हैदराबाद में कैट में अपील की गई है। अगले आदेश तक स्थिति जस की तस रखने को कहा गया है। कैट में अगले महीने इस पर सुनवाई होगी। 

डीजी कार्यालय से संपर्क करे 

इस संबंध में सीपीडब्ल्यूडी नागपुर के मुख्य अभियंता एम. तिलक से संपर्क करने पर उन्होंने इस बारे में कुछ भी बोलने से इनकार कर दिया। उन्होंने कहा कि दिल्ली स्थित डीजी कार्यालय से संपर्क किया जाए। रिस्ट्रक्चर की मार नागपुर पर पड़ने, मुख्य अभियंता नागपुर कार्यालय का कार्यक्षेत्र कम करने के सवाल पर उन्होंने कहा कि सारी जानकारी डीजी कार्यालय से ली जा सकती है। इस बारे में यहां से कुछ नहीं बताया जा सकता।

ट्रैफिक पुलिस के पास न पर्याप्त जैकेट है और न ही मास्क

इसके अलावा खुलासा हुआ कि रिकॉर्ड तोड़ गर्मी होने के बावजूद नागपुर पुलिस के यातायात विभाग के पास गर्मी से बचाव के लिए केवल 100 जैकेट उपलब्ध हैं। इसी तरह राज्य के प्रदूषित शहर में शुमार नागपुर में यातायात पुलिस के पास प्रदूषण से बचने के लिए सिर्फ 250 मास्क ही उपलब्ध होने की जानकारी आरटीआई में सामने आई है। यातायात पुलिस और जैकेट व मास्क की संख्या को देखते हुए गर्मी व प्रदूषण से बचने के लिए यातायात पुलिस के पास पर्याप्त संसाधन उपलब्ध नहीं है। 

‘वी नेट जैकेट’ का करते हैं इस्तेमाल
सूचना अधिकार कानून के तहत मिली जानकारी के अनुसार शहर में यातायात पुलिस कर्मियों की संख्या 800 से ज्यादा है। नागपुर में रिकार्ड तोड़ गर्मी पड़ रही है। गर्मी से बचाव के लिए ‘वी नेट जैकेट’ बना हुआ है, जिसका इस्तेमाल नागपुर समेत अन्य शहरों में हो रहा है। यातायात पुलिस के पास ऐसे केवल 100 जैकेट हैं। ऐसे में यातायात पुलिस को गर्मी में खड़े रहकर काम करने के अलावा कोई चारा नहीं है। इसी तरह राज्य के जो 17 प्रदूषित शहर हैं, उनमें नागपुर अव्वल है। चौराहे पर काम करते समय सबसे ज्यादा प्रदूषित हवा, धूल व मिट्टी नाक व मुंह से शरीर के अंदर जाती है। इसके बचाव के लिए यातायात पुलिस के पास सिर्फ 250 मास्क ही उपलब्ध हैं।

विभाग के पास जानकारी नहीं
महाराष्ट्र पुलिस परिवार स्वास्थ्य योजना के तहत पुलिस कर्मचारी व उनके परिवारों के लिए निजी अस्पतालों में स्वास्थ्य सेवा उपलब्ध है। पुलिस बोर्ड पर जो अस्पताल हैं, वहां पुलिस परिवार के सदस्यों का इलाज हो सकता है। बिल का भुगतान महाराष्ट्र पुलिस की तरफ से किया जाता है। हर महीने कितने यातायात पुलिस कर्मचारियों को उपचार के लिए कितनी राशि दी जाती है, इस बारे में विभाग के पास जानकारी उपलब्ध नहीं है। 

प्रदूषण में नागपुर नंबर वन
वर्ल्ड हेल्थ आर्गनाइजेेशन ने मई 2018 में जो रिपोर्ट जारी की, उसके मुताबिक देश में 102 प्रदूषित शहर हैं। इनमें से 17 शहर महाराष्ट्र में हैं। राज्य में प्रदूषित शहर में पहले नंबर पर नागपुर है। नागपुर में जिस तरह मेट्रो रेल, सड़क व अन्य विकास कार्य चल रहे हैं, उससे हर दिन धूल, मिट्टी उड़ती है। इसी तरह गंदगी भी फैलती है। यही कारण है कि ग्रीन सिटी नागपुर राज्य में प्रदूषित सिटी बन गई है। 

नागपुर की उपेक्षा 
नागपुर की आबादी व क्षेत्रफल करीब-करीब पुणे इतना ही है। मेट्रो रेल, सड़क निर्माण व विकास कार्यों के चलते नागपुर में निरंतर धूल, मिट्टी, दूषित वायु प्रवाहित होते रहता है। केवल 100 जैकेट व 250 मास्क नाकाफी है। इसका सीधा असर यातायात पुलिस के स्वास्थ्य पर हो रहा है। पुणे पुलिस के पास 1000 से ज्यादा जैकेट व मास्क हैं।
-अभय कोलारकर, आरटीआई एक्टिविस्ट नागपुर
 

Created On :   21 Jun 2019 9:54 AM GMT

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